Chhattisgarh Teachers Protest: छत्तीसगढ़ में शिक्षक एक बार फिर अपनी लंबित मांगों को लेकर हड़ताल पर उतरने जा रहे हैं। शिक्षक साझा मंच छत्तीसगढ़ के बैनर तले कल प्रदेशभर के 146 विकासखंडों में शिक्षक सड़कों पर उतरेंगे। उनकी मुख्य मांग एरियर्स राशि (Arrears Payment), क्रमोन्नति वेतनमान (Time Bound Promotion), प्रथम नियुक्ति तिथि से सेवा गणना और पुरानी पेंशन बहाली (Old Pension Restoration) है।
सोना साहू के फैसले का हवाला देकर मांगी समान सुविधा
शिक्षक मंच के प्रदेश संचालक संजय शर्मा, मनीष मिश्रा, केदार जैन, वीरेंद्र दुबे, विकास राजपूत और जाकेश साहू ने बताया कि सूरजपुर जिले की शिक्षिका सोना साहू (Sona Sahu) को हाईकोर्ट बिलासपुर (Highcourt Bilaspur) के आदेश पर प्रथम नियुक्ति तिथि से क्रमोन्नति वेतनमान और पूरी एरियर्स राशि दी गई है। मगर पूरे प्रदेश के अन्य पात्र शिक्षकों को इसका लाभ अब तक नहीं मिला है। इससे प्रदेशभर के 1 लाख से ज्यादा शिक्षक हर महीने 15 से 20 हजार रुपये के नुकसान में हैं।
पुरानी पेंशन और सेवा गणना को लेकर सरकार पर दबाव
शिक्षक मंच के अन्य संचालक कृष्णकुमार नवरंग और राजनारायण द्विवेदी ने कहा कि प्रदेश के अधिकांश शिक्षक 1995 और 1998 में नियुक्त हुए थे, लेकिन उनकी सेवा गणना (Service Counting) 2018 से की जा रही है। इससे पुरानी पेंशन बहाली (Old Pension) और अन्य लाभ देने में मुश्किल हो रही है। मंच ने साफ कहा है कि सरकार को जल्द जनरल ऑर्डर (General Order) जारी करना होगा।
डीएड शिक्षकों को भी व्याख्याता और प्राचार्य पदों पर पदोन्नति की मांग
प्रदेश संचालक प्रदीप लहरे, राजकिशोर तिवारी और अन्य नेताओं ने बताया कि डीएड (D.Ed) योग्यताधारी शिक्षकों को अब तक व्याख्याता (Lecturer) और प्राचार्य (Principal) जैसे उच्च पदों पर प्रमोशन नहीं मिल रहा है। इसके अलावा स्कूलों में हुए युक्तियुक्तिकरण (Rationalisation) से भी शिक्षक नाराज हैं। 2008 के सेटअप का पालन न करने से प्राथमिक से लेकर हायर सेकेंडरी तक करीब 57,000 पद खत्म हो गए हैं।
23 संगठन हुए एकजुट, चेतावनी- स्कूलों में लगेगा ताला
इस बार 23 अलग-अलग शिक्षक संगठन एक मंच पर आ गए हैं। शिक्षक साझा मंच (Teachers Joint Forum) ने साफ कहा है कि अगर सरकार ने मांगे नहीं मानीं तो प्रदेशभर के स्कूलों में तालेबंदी (Lockdown of Schools) होगी और शिक्षक अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले जाएंगे। संगठन ने इसे सरकार की जिम्मेदारी बताया है।