CG Teachers Rationalisation: छत्तीसगढ़ में शिक्षक संगठनों और शिक्षा विभाग के बीच तनाव अपने चरम पर है। राज्य के 23 प्रमुख शिक्षक संगठनों ने ‘शिक्षक साझा मंच छत्तीसगढ़’ के नेतृत्व में युक्तियुक्तकरण काउंसलिंग (Rationalisation Counselling) का सामूहिक बहिष्कार करने का फैसला लिया है। इस फैसले की शुरुआत आज महासमुंद (Mahasamund) जिले से हो रही है, जहां काउंसलिंग का पहला चरण प्रस्तावित था।
यह भी पढ़ें: छत्तीसगढ़ में टीचर की हत्या का खुलासा: इंजीनियर पति निकला हत्यारा, यूट्यूब से सीखी प्लानिंग, मर्डर को बनाया एक्सीडेंट
पारदर्शिता और हितों की अनदेखी का आरोप
शिक्षकों का कहना है कि युक्तियुक्तकरण प्रक्रिया में भारी अनियमितताएं हैं। न तो 2008 के निर्धारित सेटअप का पालन हो रहा है और न ही शिक्षकों के हितों का ध्यान रखा जा रहा है। इससे शिक्षा की गुणवत्ता पर भी प्रश्नचिह्न लग रहे हैं। शिक्षक संगठनों ने स्पष्ट किया कि यह फैसला शिक्षक हित और पारदर्शिता के पक्ष में लिया गया है।
शिक्षक साझा मंच का सख्त निर्देश
प्रदेश संचालक मंडल ने सभी जिलाध्यक्षों, ब्लॉक अध्यक्षों और जिला संचालकों को निर्देशित किया है कि वे अपने-अपने क्षेत्रों में युक्तियुक्तकरण काउंसलिंग का सशक्त विरोध करें।
शिक्षकों को इस प्रक्रिया में शामिल न होने की कड़ी हिदायत दी गई है। संचालक मंडल के सभी सदस्य अपने जिलों में नेतृत्व करेंगे और विरोध को संगठनात्मक रूप देंगे।
विभाग की तरफ से फ्री हैंड, दो टूक निर्देश
शिक्षा विभाग इस विरोध को देखते हुए अलर्ट मोड में है। मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय (Vishnu Deo Sai), जो खुद शिक्षा मंत्री भी हैं, ने विभाग को “फ्री हैंड” दिया है और स्पष्ट निर्देश जारी किए हैं कि किसी भी हाल में युक्तियुक्तकरण की प्रक्रिया को संपन्न कराया जाए।
अब देखना होगा सरकार का रुख
एक तरफ शिक्षक संगठन प्रक्रिया को पूरी तरह खारिज कर चुके हैं, वहीं दूसरी ओर शासन प्रशासन इसे हर हाल में लागू करने पर अड़ा है। ऐसे में आने वाले दिनों में छत्तीसगढ़ की शिक्षा व्यवस्था में बड़ा टकराव देखा जा सकता है।
यह भी पढ़ें: छत्तीसगढ़ के दक्षिणी इलाकों में मानसून की एंट्री: रायपुर में बारिश से मौसम सुहाना, तापमान में उतार-चढ़ाव