Chhattisgarh Sharab Ghotala 2025 Vijay Bhatia, Bilaspur High Court: छत्तीसगढ़ के बहुचर्चित और बहुकरोड़ के शराब घोटाले में आरोपी कारोबारी विजय भाटिया को हाईकोर्ट से झटका लगा है। भाटिया ने अपनी गिरफ्तारी को चुनौती देते हुए छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट (Bilaspur High Court) में रिट याचिका दायर की थी, लेकिन चीफ जस्टिस रमेश कुमार सिन्हा की डिवीजन बेंच ने 26 जून, गुरुवार को सुनवाई के बाद याचिका को खारिज कर दिया। इस फैसले को जांच एजेंसी एसीबी (ACB) और ईओडब्ल्यू (EOW) की बड़ी सफलता माना जा रहा है।
बिना समन गिरफ्तारी का आरोप
विजय भाटिया (Vijay Bhatia) की ओर से सुप्रीम कोर्ट की वरिष्ठ अधिवक्ता मीनाक्षी अरोड़ा (Senior Advocate Meenakshi Arora) ने पैरवी करते हुए तर्क दिया कि एसीबी ने भाटिया को बिना समन जारी किए गिरफ्तार किया, जो कानून प्रक्रिया का उल्लंघन है। साथ ही एफआईआर दर्ज होने के एक वर्ष बाद तक कार्रवाई में देरी को भी याचिका में प्रमुख आधार बनाया गया। लेकिन कोर्ट ने इन दलीलों को नकारते हुए स्पष्ट किया कि गिरफ्तारी पूरी तरह प्रक्रियानुसार और समयबद्ध रही है।
300 गवाहों से की गई पूछताछ
जवाब में एसीबी के वकील सौरभ पांडे ने कोर्ट को बताया कि इस मामले (Chhattisgarh Sharab Ghotala) की जांच बेहद जटिल रही है और इसमें समय इसलिए लगा क्योंकि करीब 300 से अधिक गवाहों से पूछताछ, दस्तावेजी साक्ष्य और लेन-देन के बैंक रिकॉर्ड जुटाए गए। उन्होंने बताया कि विजय भाटिया को पहले प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने पूछताछ के बाद 31 मई 2025 को दोपहर में एसीबी के हवाले किया और फिर 1 जून को रायपुर में मजिस्ट्रेट के सामने पेश किया गया। कोर्ट ने इस प्रक्रिया को पूरी तरह संवैधानिक और विधिसम्मत माना।
देश छोड़ने की थी तैयारी, दिल्ली से गिरफ्तारी
ईओडब्ल्यू की जांच में सामने आया कि विजय भाटिया अपने परिवार के साथ विदेश भागने की तैयारी में था। 31 मई को उसे दिल्ली से गिरफ्तार किया गया। गिरफ्तारी के बाद रायपुर लाकर न्यायिक प्रक्रिया का पालन करते हुए उसे कोर्ट में प्रस्तुत किया गया।
कांग्रेस नेताओं से पैसे के लेनदेन की जांच
EOW की जांच में चौंकाने वाले तथ्य सामने आए हैं। प्रारंभिक रिपोर्ट के मुताबिक, भाटिया और व्यवसायी अनवर बंसल के खातों से कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं और उनके करीबी रिश्तेदारों के खातों में बड़ी रकम ट्रांसफर की गई थी। अब जांच एजेंसी इस पूरे मामले को उस दिशा में खंगाल रही है कि शराब घोटाले की राशि किन-किन राजनीतिक और रसूखदार चेहरों तक पहुंची।
15 करोड़ से अधिक की अवैध कमाई
शराब घोटाले (Chhattisgarh Sharab Ghotala) की तह में जाते हुए एजेंसियों को यह भी पता चला है कि विजय भाटिया ने विदेशी कंपनी की शराब सप्लाई कर 15 करोड़ से अधिक का कमीशन कमाया था। यह रकम उसने अचल संपत्तियों में निवेश की है। एसीबी और ईओडब्ल्यू अब इस आर्थिक गतिविधि की गहराई से जांच कर रहे हैं। इससे यह संकेत भी मिल रहे हैं कि घोटाले का दायरा और भी व्यापक और गहरा हो सकता है।
यह केस सिर्फ एक कारोबारी के भ्रष्टाचार तक सीमित नहीं, बल्कि इसमें राजनीति, प्रशासन और बिजनेस के मिलेजुले गठजोड़ की परतें खुल रही हैं। कोर्ट की ओर से रिट खारिज होने के बाद अब विजय भाटिया की न्यायिक प्रक्रिया के जरिए गिरफ्तारी को वैध ठहरा दिया गया है। इससे जांच एजेंसियों के हाथ मजबूत हुए हैं और केस में तेजी से आगे बढ़ने की उम्मीद है।