Bilaspur High Court: बिलासपुर (Bilaspur)। छत्तीसगढ़ में रेत माफिया (Sand Mafia) की बढ़ती दबंगई और प्रशासनिक लापरवाही पर हाईकोर्ट (High Court) ने सख्त रुख अपनाया है। बलरामपुर में एक कांस्टेबल को कुचलकर मार डालने की घटना और फिर माफियाओं की ओर से की गई फायरिंग के बाद कोर्ट ने प्रदेश सरकार के शीर्ष अधिकारियों से जवाब मांगा है।
अवकाशकालीन पीठ ने स्पष्ट कहा कि राज्य में अवैध खनन (Illegal Mining) पर कई बार निर्देश दिए जा चुके हैं, फिर भी हालात बेकाबू हैं। ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए कड़ी कार्रवाई जरूरी है।
कांस्टेबल की हत्या और जवाब में सख्त कार्रवाई
यह मामला 11 मई की रात का है, जब बलरामपुर जिले के सनावल थाना (Sanawal Police Station) क्षेत्र में पुलिस की टीम कनहर नदी (Kanhar River) में अवैध रेत खनन को रोकने के लिए लिबरा गांव पहुंची थी। उसी दौरान एक ट्रैक्टर को रोकने की कोशिश कर रहे आरक्षक शिव बचन सिंह (Constable Shiv Bachan Singh) को ट्रैक्टर चालक ने कुचल दिया, जिससे उनकी मौके पर ही मौत हो गई।
इसके बाद पुलिस ने 9 आरोपियों को गिरफ्तार किया है और उनके खिलाफ भारतीय दंड संहिता (Indian Penal Code) की नई धाराओं (BNS Sections 103, 109, 121, 132, 221, 61, 303, 238, 249), भारतीय वन अधिनियम (Indian Forest Act) और खनिज अधिनियम (Mines and Minerals Act) के तहत केस दर्ज किया गया है।
कोर्ट ने मुख्य सचिव और खनिज सचिव को भेजा नोटिस
छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट की अवकाशकालीन पीठ (Chhattisgarh High Court Vacation Bench) ने इस मामले को बेहद गंभीर मानते हुए मुख्य सचिव (Chief Secretary) और खनिज सचिव (Mining Secretary) से दो सप्ताह के भीतर जवाब मांगा है। साथ ही, यह भी स्पष्ट किया कि दोबारा इस तरह की घटना नहीं होनी चाहिए।
सुनवाई के दौरान डीजीपी (DGP) अरुण देव गौतम की ओर से हलफनामा पेश कर बताया गया कि सनावल थाने के टीआई (Station In-Charge) को भी लापरवाही के चलते सस्पेंड किया गया है।
स्टेट अफेयर्स पर कोर्ट की चिंता
कोर्ट ने कहा कि राज्य की आंतरिक स्थिति (State Affairs) चिंताजनक है, जहां कानून व्यवस्था को चुनौती देने वाली घटनाएं बढ़ रही हैं। ऐसे मामलों में सख्ती और पारदर्शिता के साथ कार्रवाई ज़रूरी है। अवैध खनन से केवल पर्यावरण को नुकसान नहीं होता, बल्कि जानमाल का भी खतरा बढ़ जाता है।