हाइलाइट्स
- एप प्रमोटर सौरभ चंद्राकर के नाम भी FIR दर्ज
- रवि उप्पल समेत 16 लोगों के नाम FIR में
- 508 करोड़ रुपये प्रोटेक्शन मनी लेने का आरोप
Mahadev App Case : पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के खिलाफ महादेव ऐप मामले में एफआईआर दर्ज हो गई है। एफआईआर में आईपीसी के तहत धोखाधड़ी, आपराधिक साजिश, विश्वासघात और जालसाजी से संबंधित विभिन्न धाराओं और भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धारा 7 और 11 के तहत आरोप लगाए गए हैं। एफआईआर में भूपेश बघेल के अलावा महादेव ऐप के प्रमोटर सौरभ चंद्राकर और रवि उप्पल समेत 21 अन्य लोगों के नाम शामिल हैं।
इन धाराओं में दर्ज की FIR
सूत्रों के अनुसार पूर्व सीएम बघेल और अन्य के खिलाफ आईपीसी की धारा 120 बी, 34, 406, 420, 467, 468 और 471 के तहत दर्ज किया है। भूपेश बघेल और 21 अन्य लोगों के खिलाफ 4 मार्च को मामला दर्ज किया गया था।
क्यों दर्ज हुई FIR?
ईओडब्ल्यू और एसीबी विंग ने महादेव बेटिंग एप (Mahadev App Case) के मालिकों से 508 करोड़ रुपये प्रोटेक्शन मनी लेने के मामले में पूर्व सीएम भूपेश बघेल समेत 21 अन्य लोगों के खिलाफ FIR दर्ज की है। उन्होंने ये FIR प्रिवेंशन ऑफ करप्शन एक्ट के तहत दर्ज की है।
क्या है पूरा मामला
प्रवर्तन निदेशालय (ED), महादेव एप से हुई, मनी लॉन्ड्रिंग की लगातार जांच कर रहा है। अब इसमें छत्तीसगढ़ के पूर्व सीएम भूपेश बघेल का नाम सामने आ रहा है। EOW ने भूपेश बघेल के खिलाफ FIR भी दर्ज की है।
फरवरी में केंद्रीय एजेंसी ने मामले में नौवीं गिरफ्तारी की थी । ईडी ने पहले कहा था कि ऐप से आए कथित अवैध धन का इस्तेमाल छत्तीसगढ़ में राजनेताओं और नौकरशाहों को रिश्वत देने के लिए किया गया था।
अब तक, इस मामले में ईडी ने दो आरोपपत्र दायर किए हैं, जिनमें दोनों प्रमोटरों सौरभ चंद्राकर और रवि उप्पल के खिलाफ आरोप पत्र शामिल हैं।
क्या लगे थे आरोप
केंद्रीय एजेंसी ने पहले आरोपपत्र में आरोप लगाया है कि चंद्राकर की शादी फरवरी 2023 में संयुक्त अरब अमीरात के रास अल खैमा में हुई थी और इस आयोजन पर लगभग 200 करोड़ रुपये की नकद राशि खर्च की गई थी।
इसमें कहा गया है कि चंद्राकर के रिश्तेदारों को भारत से यूएई ले जाने के लिए निजी जेट किराए पर लिए गए थे और शादी में प्रस्तुति देने के लिए मशहूर हस्तियों को भुगतान किया गया था।
इन सभी का खर्च एप से मिले पैसों के जरिए किया गया। एजेंसी के अनुसार, मामले में अपराध से अनुमानित आय लगभग 6,000 करोड़ रुपये है।
पिछले साल नवंबर में, विधानसभा चुनाव के पहले भी फोरेंसिक विश्लेषण और असीम दास के बयान से तत्कालीन सीएम भूपेश बघेल की भूमिका पर सवाल उठे थे, इस बयान के मुताबिक ‘महादेव सट्टेबाजी ऐप प्रमोटरों ने लगभग 508 करोड़ रुपये का भुगतान सीएम को किया था’।
तब बघेल ने इन आरोपों को उनकी छवि खराब करने का प्रयास बताया था, जबकि कांग्रेस ने इसे भाजपा के नेतृत्व वाले केंद्र का प्रतिशोध का परिणाम बताया था।
अपने नाम का अपमान कहां तक सहते महादेव
इस एप को लेकर सियासत होना शुरू हो चुकी है तो, वहीं डिप्टी सीएम अरुण साव ने ट्वीट पर लिखा की
‘अपने नाम का अपमान कहां तक सहते महादेव यत्र-तत्र और सर्वत्र “महादेव” हर – हर महादेव’