Chhattisgarh Disabled Association News: छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में छत्तीसगढ़ दिव्यांग संघ का 28 अगस्त के दिन बड़ा प्रदर्शन होना था। इसमें प्रदेश के हर जिले लगभग 1000 से ज्यादा दिव्यांग शामिल होने थे। ये प्रदर्शन बुधवार को सुबह 10 बजे तेलीबांधा तालाब से घड़ी चौक होते हुए मुख्यमंत्री आवास तक होने वाला था, लेकिन आपको बता दें छत्तीगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के आश्वासन के बाद इस प्रदर्शन को नहीं किया गया है।
सीएम साय ने सभी को आश्वासन दिया है कि हम आपको मांगों को पूरा करेंगे और हर विषय की जांच को बारिकी से करांएगे। इसके लिए सीएम ने कुछ समय भी मांगा है। आइए हम आपको इस विषय की पूरी जानकारी देते हैं।
CM के आश्वासन के बाद दिव्यांग संघ का प्रदर्शन रद्द: साय ने मांगा 30 दिन का समय, ये लोग होंगे नौकरी से बर्खास्त#CGNews #CMVishnuDeoSai #divyaangsanghhttps://t.co/I4zAAtMYe4
— Bansal News (@BansalNewsMPCG) August 28, 2024
दिव्यांग संघ लगातार कर रहा प्रयास
दिव्यांग सेवा संघ के अध्यक्ष की मानें तो इस होने वाले पैदल मार्च में लगभग 80 से 100 प्रतिशत दिव्यांग शामिल होने वाले थे। एक महीने पहले संघ ने प्रदेश में भी फर्जी दिव्यांगता सर्टिफिकेट से सरकारी नौकरी करने वाले अधिकारियों का खुलासा भी कर दिया था।
दिव्यांग संघ ने मंत्री से मुलाकात कर ऐसे लोगों पर कार्रवाई की मांग भी की थी, लेकिन सरकार की ओर से सकारात्मक कदम नहीं उठाए जाने पर संघ को प्रदर्शन करने पर मजबूर होना पड़ा था, हालांकि अभी ये प्रदर्शन टल गया है।
दिव्यांग संघ इन मांगों को लेकर करने वाला था प्रदर्शन
1. सरकारी नौकरी में फर्जी दिव्यांग सर्टिफिकेट से नौकरी करने वाले लोगों का मेडिकल बोर्ड के सामने दिव्यांगता का भौतिक परीक्षण कराया जाए और फर्जी दिव्यांग साबित हो चुके लोगों को तत्काल बर्खास्त किया जाए।
2. सहायक संचालक कृषि महासमुंद बर्खास्त हो चुकी है। उस पर तत्काल प्राथमिकी दर्ज की जाए।
3. वास्तविक दिव्यांग शासकीय अधिकारी-कर्मचारी को केन्द्र के सामान 4 प्रतिशत पदोन्नति में आरक्षण दिया जाए। जिसका गणना केन्द्र के सामान 1 जनवरी 2016 से किया जाए।
4. छत्तीसगढ़ राज्य में दिव्यांगों को केवल 500 रुपए पेंशन दिया जाता है, जबकि अन्य कई राज्यों में 3500 से 4072 रुपए तक हर महीने पेंशन दी जाती है। यहां भी पेंशन बढ़ाकर 5000 रुपए हर महीने की जाए। हमारी पेंशन के लिए BPL की जरूरत को खत्म किया जाए।
5. दिव्यांगता के कारण जिन बहनों की शादी में परेशानी आ रही है या हो नहीं पा रही है। उन्हें महतारी वंदन योजना का लाभ दिया जाए।
6. विभागों के गलत तरीके, पत्राचार और धारा 51 की जगह 91 का उल्लेख होने से जिन 10 से 20 लोगों को कोर्ट से स्टे लगा हुआ है। इसको तुरंत खत्म किया जाए और एक समिति बनाई जाए। इसके लिए स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग के परिपत्र क्रमांक 18-04/2011/9/17 तारीख 25.02.2011 का यूज किया जाए।
7. राज्य शासन फर्जी दिव्यांग प्रमाण-पत्र बनने से तुरंत ही रोकने के लिए कड़े नियम बने और जो भी इसमें दोषी पाया जाए उस पर 7 साल की सजा और 50 लाख रुपए का जुर्माना लगाया जाए।
सीएम साय ने मांगों को पूरा करने मांगा समय
आपको बता दें कि मुख्यमंत्री ने दिव्यांग संघ को उनकी मांगों पर संज्ञान लेने के लिए एक महीने यानी 30 दिन के समय की मांग की है। इसके साथ ही मुख्यमंत्री ने फर्जी सर्टिफिकेट्स से नौकरी करने वालों को बर्खास्त करने का भी आश्वासन दिया है। अब ऐसे लोगों पर जल्द ही एक्शन होने वाला है जो दिव्यांग न होते हुए भी दिव्यांग सर्टिफिकेट के आधार पर सरकारी नौकरी कर रहे हैं। मीडिया रिपोर्ट की मानें तो ऐसे लोगों पर जुर्माना भी लगाया जा सकता है।