Chhattisgarh Private Schools: छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा 2020 में लाए गए अशासकीय फीस विनिमय अधिनियम के बावजूद निजी स्कूलों की मनमानी जारी है। शिक्षा विभाग की ओर से इन स्कूलों पर कार्रवाई न करने से सामाजिक कार्यकर्ता सवाल उठा रहे हैं कि क्या यह सरकार और निजी स्कूलों के बीच मिलीभगत है?
अधिनियम के तहत निजी स्कूलों को फीस बढ़ाने से पहले सरकार की अनुमति लेनी आवश्यक थी, लेकिन विभाग की लापरवाही से स्कूल मनमानी फीस वसूलते जा रहे हैं। सामाजिक कार्यकर्ता सरकार से जवाब मांग रहे हैं कि आखिरकार यह सरकार और निजी स्कूलों के बीच क्या रिश्ता है जो नियमों की धज्जियां उड़ रही हैं?
निजी स्कूलों में 2000 करोड़ रुपये का घोटाला: सामाजिक कार्यकर्ता
सामाजिक कार्यकर्ता कुणाल शुक्ला ने आरोप लगाया है कि निजी स्कूलों में 2000 करोड़ रुपये का घोटाला हुआ है, लेकिन शिक्षा विभाग ने अब तक कोई कार्रवाई नहीं की है। उन्होंने बताया कि पिछले पांच सालों में धरना-प्रदर्शन, घेराव और सैकड़ों शिकायतें हुई हैं, लेकिन विभाग ने अनदेखी की है।
कुणाल शुक्ला ने सूचना के अधिकार अधिनियम (RTI ) के तहत शिक्षा विभाग से जानकारी मांगी, जिसमें पता चला है कि विभाग ने निजी स्कूलों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की है। उन्होंने सवाल उठाया है कि क्या शिक्षा विभाग निजी स्कूलों के हितों की रक्षा कर रहा है या छात्रों और अभिभावकों के हितों की अनदेखी कर रहा है?
उनका आरोप है कि निजी स्कूलों का घोटाला सामने आने के बावजूद शिक्षा विभाग मौन है, जो गंभीर चिंता का विषय है। उन्होंने मांग की है कि सरकार को इस मुद्दे पर तत्काल ध्यान देना चाहिए और निजी स्कूलों के खिलाफ कार्रवाई करनी चाहिए।
2020 से 2024 तक निजी स्कूलों के खिलाफ एक भी कार्रवाई नहीं
सामाजिक कार्यकर्ता कुणाल शुक्ला ने खुलासा किया है कि शिक्षा विभाग ने लिखित में स्वीकार किया है कि 2020 से 2024 तक निजी स्कूलों के खिलाफ एक भी कार्रवाई नहीं की गई है। यह अधिनियम निजी स्कूलों की मनमानी फीस वृद्धि, ड्रेस और पाठ्यपुस्तकों के नाम पर अभिभावकों की लूट को रोकने के लिए लाया गया था।
कुणाल शुक्ला का आरोप है कि शिक्षा विभाग की लापरवाही से निजी स्कूल मनमानी फीस वसूलते जा रहे हैं और अभिभावकों को लूटा जा रहा है, लेकिन विभाग की ओर से कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है। यह गंभीर चिंता का विषय है कि शिक्षा विभाग निजी स्कूलों के हितों की रक्षा कर रहा है या छात्रों और अभिभावकों के हितों की अनदेखी कर रहा है।
जबलपुर में 500 करोड़ रुपये तक की कार्रवाई हुई: शुक्ला
सामाजिक कार्यकर्ता ने कहा कि मध्य प्रदेश के जबलपुर में निजी स्कूलों की मनमानी वसूली पर 500 करोड़ रुपये की कार्रवाई हुई है, जबकि छत्तीसगढ़ में समान नियम होने के बावजूद कोई कार्रवाई नहीं हो रही है। उन्होंने शिक्षा विभाग से सवाल किया है कि क्या निजी स्कूलों के साथ विभाग का कोई समझौता हुआ है जो कार्रवाई नहीं की जा रही है?
उन्होंने मांग की है कि शिक्षा विभाग को स्पष्ट करना चाहिए कि निजी स्कूलों के प्रति उनका रुख क्या है और क्यों कार्रवाई नहीं की जा रही है। उन्होंने सरकार से मांग की है कि इस मुद्दे पर तत्काल ध्यान देना चाहिए और निजी स्कूलों के खिलाफ कार्रवाई करनी चाहिए।