हाइलाइट्स
- छत्तीसगढ़ में प्रिंटिंग घोटाले पर नकेल
- सरकार ने पुराने आदेश को फिर लागू किया
- सरकारी विज्ञापन और मुद्रण में होने वाली धांधली पर लगेगी रोक
Chhattisgarh Advertising Policy: छत्तीसगढ़ में सरकारी विज्ञापन और मुद्रण में होने वाली धांधली पर रोक लगाने के लिए सरकार ने सख्ती दिखाई है। वित्त सचिव मुकेश कुमार बंसल ने स्पष्ट किया कि अब राज्य के सभी विभागों, निगमों और अर्द्धशासकीय संस्थानों को अपने प्रचार-प्रसार कार्य ‘छत्तीसगढ़ संवाद’ के माध्यम से ही कराने होंगे।
यह निर्णय सरकारी विज्ञापनों और प्रचार सामग्री में पारदर्शिता लाने के लिए लिया गया है। इससे मुद्रण कार्यों में एकरूपता और गुणवत्ता बनी रहेगी।
10 साल से जारी था प्रिंटिंग घोटाला
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छत्तीसगढ़ सरकार ने 2001 में ही यह आदेश जारी किया था कि सभी सरकारी मुद्रण और विज्ञापन कार्य ‘छत्तीसगढ़ संवाद’ से ही कराए जाएं। लेकिन पिछले 10 साल से कुछ प्रिंटिंग माफिया अपने ऊंचे संपर्कों के जरिए नियमों को तोड़ रहे थे।
वे शासकीय आदेशों को नजरअंदाज कर निजी प्रेसों और पाठ्यपुस्तक निगम से करोड़ों के छपाई कार्यों के ऑर्डर ले रहे थे। अब सरकार ने इन गड़बड़ियों पर रोक लगाने का सख्त निर्णय लिया है।
सख्त निर्देश: बिना NOC कोई अन्य एजेंसी काम नहीं करेगी
वित्त सचिव ने स्पष्ट किया कि यदि किसी कारणवश ‘छत्तीसगढ़ संवाद’ कोई कार्य करने में असमर्थ होता है, तो उसे अनापत्ति प्रमाण पत्र (NOC) जारी करना होगा। बिना NOC के कोई भी विभाग, निगम या अर्द्धशासकीय संस्था अन्यत्र से विज्ञापन या मुद्रण कार्य नहीं करा सकेगी।
क्या होगा निर्देशों का असर?
- सरकारी विज्ञापन और मुद्रण में पारदर्शिता आएगी।
- फर्जी बिलिंग और भ्रष्टाचार पर रोक लगेगी।
- सभी प्रचार सामग्री की गुणवत्ता सुनिश्चित होगी।
- सरकारी धन का दुरुपयोग कम होगा।
छत्तीसगढ़ सरकार के इस कदम से राज्य के सरकारी विज्ञापन और मुद्रण कार्यों में पारदर्शिता आएगी। इससे प्रिंटिंग माफिया पर नकेल कसी जाएगी और सरकारी धन की बर्बादी रुकेगी।
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