Raipur Pora Tihar: राजधानी रायपुर (Raipur) के ऐतिहासिक रामसागर पारा (Ramsagar Para) में इस साल का पोरा तिहार (Pora Tihar) बेहद खास रहा। छत्तीसगढ़ पारंपरिक पोरा तिहार उत्सव समिति (Chhattisgarh Pora Tihar Utsav Samiti) और पूर्व विधायक विकास उपाध्याय (Vikas Upadhyay) के संरक्षण में मेन रोड पर विशाल मंच सजाया गया, जहां बैल दौड़ (Bull Race) का आयोजन हुआ।
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बैल दौड़ और पारंपरिक झांकियों ने खींचा ध्यान
मेन रोड पर आयोजित इस कार्यक्रम में दर्जनों बैल जोड़ियों ने दौड़ लगाकर दर्शकों का मन मोह लिया। प्रतियोगिता के दौरान जहां बैल दौड़ का रोमांच देखने को मिला, वहीं बैलों पर सजाई गई पारंपरिक झांकियों (Traditional Tableaux) ने भी लोगों का ध्यान खींचा। खास बात यह रही कि पूर्व विधायक विकास उपाध्याय ने खुद बैल जोड़ी की लगाम थामकर बैल दौड़ में हिस्सा लिया, जिससे कार्यक्रम में जोश और भी बढ़ गया।
विजेताओं को मिला नकद पुरस्कार
इस प्रतियोगिता में भाग लेने वाले सभी बैल जोड़ों को सम्मानित किया गया।
- सर्वश्रेष्ठ बैल जोड़ी को ₹6,100
- प्रथम स्थान पर आने वाले को ₹5,100
- द्वितीय स्थान पर आने वाले को ₹4,100
- अन्य प्रतिभागियों को ₹3,100 प्रोत्साहन राशि और प्रशस्ति पत्र प्रदान किया गया।
परंपरा और श्रद्धा का संगम
छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) में खेती में बैलों की अहम भूमिका को सम्मान देने के लिए हर साल यह पर्व मनाया जाता है। 23 अगस्त को पूरे प्रदेश में पोरा तिहार श्रद्धा और उत्साह से मनाया गया। परंपरा के अनुसार इस दिन बैलों की पूजा-आरती कर उन्हें ठेठरी, खुरमी, चीला जैसे छत्तीसगढ़ी व्यंजनों का भोग लगाया गया।
क्षेत्रवासियों की बड़ी भागीदारी
रामसागर पारा (Ramsagar Para) में आयोजित इस कार्यक्रम में क्षेत्रवासियों की भारी भीड़ उमड़ी। लोग न केवल बैल दौड़ देखने पहुंचे बल्कि झांकियों का आनंद भी लिया। यह आयोजन न सिर्फ मनोरंजन का साधन रहा बल्कि छत्तीसगढ़ की सांस्कृतिक धरोहर और ग्रामीण परंपरा का जीवंत उदाहरण भी बन गया।
FAQ (अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न)
Q1. पोरा तिहार (Pora Tihar) कब और क्यों मनाया जाता है?
पोरा तिहार हर साल सावन-भाद्रपद में बैलों के सम्मान और खेती-बाड़ी से जुड़े पारंपरिक मूल्यों को सहेजने के लिए मनाया जाता है।
Q2. रायपुर के रामसागर पारा (Ramsagar Para) में क्या खास आयोजन हुआ?
यहां बैल दौड़ प्रतियोगिता और पारंपरिक झांकियों का आयोजन हुआ, जिसमें भारी संख्या में लोग शामिल हुए।
Q3. विजेताओं को क्या पुरस्कार दिए गए?
विजेताओं को ₹6,100, ₹5,100 और ₹4,100 नकद पुरस्कार के साथ प्रशस्ति पत्र दिए गए।
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