Chhattisgarh News: छत्तीसगढ़ के पाली (Pali) में लगातार बारिश ने नगरवासियों की मुश्किलें बढ़ा दी हैं। गलियों में पानी भरने से लोग परेशान हैं। पिछले कई दिनों से नगर के नालों और ड्रेनेज सिस्टम की सफाई नहीं होने से पानी घरों तक पहुंच गया। जब जिम्मेदारों ने ध्यान नहीं दिया तो लोगों ने अपनी नाराजगी काफिला रोककर जाहिर कर दी।
मंगल भवन पाली में भूमिपूजन और रोड उत्सव कार्यक्रम के बाद छत्तीसगढ़ के प्रभारी मंत्री और डिप्टी सीएम अरुण साव (Arun Saw), श्रम मंत्री लखन लाल देवांगन (Lakhan Lal Dewangan), कलेक्टर अजीत वसंत (Ajit Vasant) और एसपी सिद्धार्थ तिवारी (Siddharth Tiwari) का काफिला लौट रहा था। उसी दौरान बारिश में भीगते हुए गुस्साए ग्रामीणों ने सड़क पर खड़े होकर काफिला रोक दिया।
नगरवासियों ने अफसरों को सुनाई समस्या
ग्रामीणों ने साफ कहा कि बारिश में गलियों में पानी भरने से आने-जाने में परेशानी हो रही है। बच्चे, बूढ़े और महिलाएं परेशान हैं। नगर पंचायत कई बार ध्यान दिलाने के बाद भी समस्या जस की तस बनी हुई है। गुस्साए लोग जब तक अफसरों और जनप्रतिनिधियों से बात नहीं कर लेते तब तक काफिला आगे नहीं बढ़ने देने पर अड़े थे।
कलेक्टर अजीत वसंत ने संभाली कमान
स्थिति बिगड़ती देख कोरबा कलेक्टर अजीत वसंत (Ajit Vasant) और एसपी सिद्धार्थ तिवारी (Siddharth Tiwari) अपनी गाड़ी से उतरे। उन्होंने लोगों से शांति से बात की। नगरवासियों ने अपनी परेशानी बताई तो कलेक्टर ने तत्काल समस्या का समाधान करने का भरोसा दिलाया। उन्होंने साफ कहा कि बारिश के पानी की निकासी के लिए वैकल्पिक व्यवस्था की जाएगी। उनके आश्वासन के बाद लोग शांत हुए और काफिले को जाने दिया।
विधायक प्रेमचंद पटेल और भाजपा अध्यक्ष भी रहे साथ
इस दौरान कटघोरा विधायक प्रेमचंद पटेल (Premchand Patel) और भाजपा जिला अध्यक्ष गोपाल मोदी (Gopal Modi) भी मौजूद रहे। उन्होंने भी लोगों की बातें सुनीं और समाधान के लिए हर संभव प्रयास करने की बात कही। कलेक्टर ने नगर पंचायत को जल्द सफाई व्यवस्था दुरुस्त करने के निर्देश दिए हैं।
लोग बोले अब इंतजार नहीं, चाहिए ठोस समाधान
नगरवासियों ने साफ कहा कि सिर्फ आश्वासन से काम नहीं चलेगा, अब जल्द समाधान चाहिए। अगर समस्या दूर नहीं हुई तो दोबारा आंदोलन होगा। कलेक्टर ने भरोसा दिया कि जल्द बारिश के पानी की निकासी के लिए नई योजना तैयार की जाएगी ताकि हर साल लोगों को इस परेशानी से न जूझना पड़े।