Chhattisgarh News: छत्तीसगढ़ में नक्सलवाद के खिलाफ नई नीति असम की तरह होगी। इस संबंध में गृहमंत्री विजय शर्मा ने असम का दौरा किया, जहां उन्होंने अधिकारियों से उग्रवादियों के आत्मसमर्पण और पीड़ित परिवारों को दी जा रही सुविधाओं की जानकारी ली। छत्तीसगढ़ सरकार अक्टूबर के अंत तक या 1 नवंबर को राज्योत्सव के अवसर पर अपनी नई नक्सल नीति पेश करेगी।
मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने दिल्ली में केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह से मुलाकात की। दोनों नेताओं के बीच मार्च 2026 तक छत्तीसगढ़ से नक्सलवाद को खत्म करने का तय लक्ष्य को पूरा करने को लेकर बातचीत हुई।
जनवरी से अब तक छत्तीसगढ़ में 194 नक्सलियों को मारा गया
सरकारी आंकड़ों के अनुसार, जनवरी से अब तक छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh News) में 194 नक्सलियों को मुठभेड़ में मारा गया है, 801 नक्सलियों को गिरफ्तार किया गया और 742 नक्सलियों ने आत्मसमर्पण किया है। पिछले नौ महीनों में नक्सलियों के खिलाफ यह बड़ी कार्रवाई की गई है, जो पहले कभी नहीं देखी गई।
मुख्यमंत्री ने कहा कि केंद्र और राज्य सरकार की योजनाओं का लाभ उन नक्सलियों को मिलेगा जो आत्मसमर्पण करेंगे, साथ ही हिंसा से प्रभावित परिवारों को भी। उन्होंने युवा नक्सलियों से अपील की कि वे हथियार छोड़कर मुख्य धारा में शामिल हों। आत्मसमर्पण करने वालों को बेहतर सुविधाएं देने का वादा किया गया है।
नक्सलियों को आत्मसमर्पण करने के लिए किया जाएगा प्रेरित
गृहमंत्री विजय शर्मा ने असम में पुनर्वास नीति का अध्ययन किया है। नक्सलियों को आत्मसमर्पण करने के लिए प्रेरित किया जाएगा, और उन्हें प्रधानमंत्री आवास से लेकर रोजगार तक की सुविधाएं दी जाएंगी। हाल ही में उन्होंने बीजापुर में नक्सल पीड़ित परिवारों को नौकरी देने के लिए नियुक्ति पत्र भी दिए थे।
अमित शाह और मुख्यमंत्री साय की बैठक में यह संकेत भी मिले कि छत्तीसगढ़ पुलिस नक्सलियों के खिलाफ सर्जिकल स्ट्राइक की तरह कार्रवाई जारी रखेगी। सरकार ने अपने डिफेंसिव नीति को बदलकर आक्रामक नीति अपनाने का निर्णय लिया है, और दक्षिण बस्तर में 29 नए सुरक्षा कैंप खोले जाएंगे।
मुख्यमंत्री साय ने प्रधानमंत्री को भी दी जानकारी
मुख्यमंत्री साय ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से भी मुलाकात की और नक्सलियों के खिलाफ ऑपरेशन की जानकारी दी। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार का मुख्य उद्देश्य नक्सलियों के गढ़ों को समाप्त करना और इन क्षेत्रों में स्थायी शांति एवं विकास सुनिश्चित करना है।