Chhattisgarh News: छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के बेटे चैतन्य बघेल से गुरुवार दोपहर भिलाई थाने में लगभग चार घंटे तक पूछताछ की गई। इस दौरान भिलाई CSP छावनी, हरीश पाटिल और भिलाई-3 थाना प्रभारी महेश ध्रुव ने उनसे सवाल पूछे। पूछताछ समाप्त हो गई है, लेकिन चैतन्य अभी भी थाने में मौजूद हैं। वहां बड़ी संख्या में कांग्रेस के कार्यकर्ता जुटे हुए हैं, लेकिन किसी को भी अंदर जाने की अनुमति नहीं दी जा रही है।
प्रोफेसर विनोद शर्मा पर हुए जानलेवा हमले का मामला
बताया (Chhattisgarh News) जा रहा है कि चैतन्य बघेल से खूबचंद बघेल महाविद्यालय भिलाई-3 के सहायक प्रोफेसर विनोद शर्मा पर हुए जानलेवा हमले मामले में पूछताछ कर रही है। घायल प्रोफेसर रायपुर AIIMS में भर्ती हैं। इस मामले में दुर्ग पुलिस ने फरार आरोपियों के लिए इनाम घोषित किया है और लुकआउट सर्कुलर भी जारी किया गया है।
यह घटना 19 जुलाई 2024 को भिलाई के ग्रीन वेली में घटित हुई। 57 वर्षीय सहायक प्रोफेसर विनोद शर्मा कहीं जा रहे थे, तभी 2 बाइक पर सवार 6 आरोपियों ने उन्हें रोका। आरोपियों ने पहले प्रोफेसर शर्मा के साथ गाली गलौज की और फिर लाठी डंडों से उन्हें बुरी तरह पीटा। इस हमले में प्रोफेसर शर्मा गंभीर रूप से घायल हो गए और उनके शरीर में कई जगह फ्रैक्चर हो गए।
6 आरोपियों में से 3 गिरफ्तार
भिलाई में प्रोफेसर पर हुए हमले के मामले में पुलिस ने कार्रवाई करते हुए 6 आरोपियों में से 3 को गिरफ्तार कर लिया है। बाकी 3 आरोपी अभी भी फरार हैं। पुलिस ने सीसीटीवी फुटेज और मोबाइल टॉवर लोकेशन की मदद से मध्यप्रदेश के रीवा से 19 अगस्त को प्रिंस उर्फ प्रसून पांडेय, अमन उर्फ उत्कर्ष द्विवेदी और करण पाठक को गिरफ्तार किया।
आरोपियों के बयानों के आधार पर यह स्पष्ट हुआ है कि सहायक प्रोफेसर विनोद शर्मा पर हमला भिलाई-चरोदा निगम के ठेकेदार प्रोबीर कुमार शर्मा ने करवाया था। इस संदर्भ में थाना भिलाई-3 पुलिस ने प्रोबीर और उसके अन्य सहयोगियों के खिलाफ आपराधिक षड्यंत्र के आरोप में धारा 61 (2) बीएनएस जोड़ दी है। मुख्य आरोपी प्रोबीर शर्मा की गिरफ्तारी के बाद ही हमले के पीछे के असली कारणों का पता चल सकेगा।
संपत्ति कुर्क करने की भी हो सकती है कार्रवाई
फरार आरोपी प्रोबीर कुमार शर्मा, शिवम मिश्रा और धीरज वस्त्रकार के पोस्टर पुरानी भिलाई थाना क्षेत्र में चस्पा किए गए हैं। दुर्ग के एसपी जितेन्द्र शुक्ला ने बताया कि फरार आरोपियों की खोज में पुलिस लगातार सक्रिय है। अगर आवश्यक हुआ, तो उनकी संपत्ति कुर्क करने की कार्रवाई भी की जाएगी।
इस मामले में गिरफ्तारी से बचने के लिए प्रोबीर ने अग्रिम जमानत याचिका दाखिल की थी। वहीं, गिरफ्तार आरोपी करण पाठक ने भी जमानत के लिए अर्जी दी थी। दोनों की याचिकाएं खारिज कर दी गई हैं।
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