हाइलाइट्स
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कवर्धा में 5 बैगा आदिवासियों की मौत के बाद बवाल
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सीएम विष्णुदेव साय ने अधिकारियों को दिए निर्देश
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इलाज के लिए जगह-जगह पर लगाए जाएंगे कैंप
Chhattisgarh News: छत्तीसगढ़ के कवर्धा में 5 बैगा आदिवासियों की मौत के बाद बवाल मच गया है. प्रदेश के सीएम विष्णुदेव साय ने अधिकारियों को स्पेशल हेल्थ कैंप लगाने के निर्देश दिए हैं. इलाज के लिए जगह-जगह पर कैंप लगाए जाएंगे. इसके साथ ही सीएम ने डिप्टी सीएम विजय शर्मा और कबीरधाम जिले के अधिकारियों से बातचीत कर मामले की पूरी जानकारी भी ली है.
उल्टी-दस्त से हुई ग्रामीणों की मौत
बता दें कि सोनवाही (Chhattisgarh News) में बीते 8 दिन में 5 बैगाओं की मौत हो चुकी है. 10 जुलाई को सोनसिंह और फूलबाई की मौत उल्टी-दस्त से हुई थी. 8 जुलाई को इसी गांव के सुरेश (26) की अज्ञात कारण से मौत हुई थी. 8 जुलाई को ही लीकेश्वरी (25) की मौत लालघाट(मप्र) में उसके मायके में हुई थी. सोनवाही में उसका ससुराल है. उसकी जचकी जून महीने में हुई थी. मायके वाले कुछ दिन पहले ही उसे ले गए थे.
वहीं 4 जुलाई को संती बाई (26) की मौत उसके ससुराल पड़की पारा में हुआ. स्वास्थ्य अमले ने इन मौतों के बाद जब घर-घर जाकर जांच की, तो 8 मलेरिया के पॉजिटिव मरीज भी मिले हैं. बताया जा रहा है कि बीते 7 दिन में 5 बैगाओं की मौत हुई है. इससे महकमे में हड़कंप मच गया है.
बताया जा रहा है कि फिलहाल 20 से ज्यादा आदिवासी बीमार चल रहे हैं. गांव सोनवाही की बात करें तो यहां 194 घर है. जिसमें करीब 580 लोग रहते हैं. इस गांव में 12 कुआं और 2 हैडपंप हैं. 11 जुलाई को 194 लोगों का स्वास्थ्य जांच किया गया था, जिसमें 8 लोग बीमार पाए गए. इनमें से 7 लोगों को मौसमी बुखार के लक्षण और 1 को उल्टी हुई थी.
पीड़ित परिवारों से मिले भूपेश बघेल
छत्तीसगढ़ के कबीरधाम जिले में पिछले 7 दिनों में 5 बैगा आदिवासियों की मौत के बाद प्रदेश की सियासत गरमा गई है. पहाड़ों में रहने वाली बैगा जनजाति के बस्तियों में डायरिया फैला हुआ है. प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल शनिवार 13 जुलाई को गांव सोनवाही जाकर पीड़ित परिवारों से मुलाकात की. बघेल ने सरकार पर गंभीर लापरवाही के आरोप लगाए हैं.
मुलाकात के बाद पूर्व सीएम भूपेश बघेल ने कहा कि यह राष्ट्रपति के दत्तक पुत्र हैं. पिछड़े विशेष जनजाति में आते हैं. इनका तो खास ध्यान दिया जाना चाहिए. यहां ना तो दवाइयां ना सही इलाज मिल पा रहा है. स्वास्थ्य व्यवस्था के मामले में सरकार की बड़ी लापरवाही देखने को मिल रही है. उन्होंने इस मामले को विधानसभा के मानसून सत्र में उठाने की बात कही.
प्रशासन की लापरवाही ने ले ली 5 बैगा आदिवासियों की जान: भूपेश
भूपेश बघेल ने X पर लिखा कि शासन और प्रशासन की लापरवाही ने उल्टी-दस्त से 5 बैगा आदिवासियों की जान ले ली, पूर्व में भी ऐसी घटनाओं के बाद भी सरकार सोती रही है. सरकार जल्द से जल्द बैगा बाहुल्य क्षेत्र में सभी परिवारों का स्वास्थ्य परीक्षण करे, पानी का सैंपल जांच करवाए. इसके साथ ही जिम्मेदार अफसरों पर कार्रवाई सुनिश्चित करे.
विशेष संरक्षित जनजाति होने के बावजूद सोनवाही के बैगा आदिवासियों को इस सरकार में योजनाओं का लाभ नहीं मिल रहा है।
5 मौतें होने के बाद विष्णुदेव सरकार की नींद टूटी है और आज जब हम पहुँचे तब मच्छरदानी वितरण, स्वास्थ्य परीक्षण और दवाई वितरण शुरू हो सका है, अब तक 25 लोग मलेरिया पॉजिटिव… pic.twitter.com/hBb6FJX49Z
— Bhupesh Baghel (@bhupeshbaghel) July 13, 2024
बघेल ने ग्रामीणों से मुलाकात का वीडियो शेयर करते लिखा कि सोनवाही (Kawardha News) के ग्रामीणों ने बताया कि उन्हें मच्छरदानी नहीं मिली, उल्टी-दस्त से जब तक मृत्यु नहीं हो गई तब तक स्वास्थ्य अमला सोता रहा. कितना दुःखद है कि जिन बैगा आदिवासियों को राष्ट्रपति का दत्तक पुत्र कहा जाता है, केंद्र से लेकर राज्य सरकार इनके लिए विशेष योजनाएं बनाता है, वे बैगा आदिवासी एक आदिवासी मुख्यमंत्री के शासन में उपेक्षित हैं.
विजय शर्मा भी पहुंचे थे ग्रामीणों से मिलने
प्रदेश के डिप्टी CM गृहमंत्री विजय शर्मा भी बीमार पड़ रहे आदिवािसयों से मिलने सोनवाही गांव गए थे. उन्होंने अफसरों से कहा था कि बैगा बाहुल्य गांवों में डायरिया, मलेरिया और मौसमी बीमारियों की रोकथाम के लिए प्रभावी कार्ययोजना तैयार करें. उन्होंने वनांचल क्षेत्र झलमला,चिल्फी और तरेगांव जंगल के सरकारी अस्पताल में सोनोग्राफी मशीन डीएमएफ से शीघ्र क्रय करने के निर्देश दिए.
कलेक्टर और मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी ने पूरी घटना की विस्तृत जानकारी भी दी थी. कलेक्टर ने गृहमंत्री से कहा था कि पांच ग्रामीणों की मृत्यु होने की बात सामने आई थी. सोनवाही में जो 5 लोगों की मौत की खबर थी, वह अलग-अलग वजहों से और अलग-अलग जगह में हुई है. सभी के मौत की वजह डायरिया या उल्टी-दस्त नहीं हैं.
कांग्रेस ने बनाई जांच समिति
इधर डायरिया से आदिवासियों की मौत के मामले में कांग्रेस ने जांच समिति का गठन किया है. पीससी चीफ दीपक बैज ने इसमें डोंगरगांव के विधायक दलेश्वर साहू को इस 7 सदस्यीय जांच समिति का संयोजक बनाया है. यह कमेटी इलाके का दौरा करने के बाद जल्द से जल्द अपनी रिपोर्ट सौंपेगी.