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Chhattisgarh NAN Scam: पूर्व महाधिवक्ता सतीश चंद्र वर्मा की अग्रिम जमानत याचिका खारिज, जानें क्या है पूरा मामला?

Chhattisgarh NAN Scam: Civil Supplies Corporation, former Advocate General Satish Chandra Verma, छत्तीसगढ़ के चर्चित नान घोटाला मामले में पूर्व महाधिवक्ता सतीश चंद्र वर्मा की अग्रिम जमानत की याचिका खारिज

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Harsh Verma
Chhattisgarh NAN Scam

Chhattisgarh NAN Scam: छत्तीसगढ़ के चर्चित नान (नागरिक आपूर्ति निगम) घोटाला मामले में आर्थिक अपराध अन्वेषण ब्यूरो (EOW) द्वारा दर्ज की गई एफआईआर के बाद, पूर्व महाधिवक्ता सतीश चंद्र वर्मा ने रायपुर की स्पेशल कोर्ट में अग्रिम जमानत की याचिका लगाई थी।

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आज सुनवाई के बाद, एडीजे निधि वर्मा ने उनकी जमानत याचिका खारिज कर दी। इस मामले (Chhattisgarh NAN Scam) में सतीश चंद्र वर्मा के अलावा, आईएएस आलोक शुक्ला और अनिल टुटेजा के खिलाफ भी मामले दर्ज किए गए हैं।

अपनी शक्तियों का दुरुपयोग करने का आरोप

[caption id="" align="alignnone" width="525"]publive-image सतीश चंद्र वर्मा के अलावा, आईएएस आलोक शुक्ला और अनिल टुटेजा के खिलाफ भी मामले दर्ज किए गए हैं[/caption]

ईओडब्ल्यू के अनुसार, 2015 में दर्ज नान घोटाले में आरोप है कि इन तीनों ने अपनी शक्तियों का दुरुपयोग किया और गवाहों को प्रभावित करने का प्रयास किया। इस मामले में 2019 में प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने भी केस दर्ज किया था। इसके बाद, 4 नवंबर 2024 को ईओडब्ल्यू ने तीनों के खिलाफ नई एफआईआर दर्ज कर जांच शुरू की है।

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ईओडब्ल्यू ने भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की विभिन्न धाराओं के तहत, साथ ही भारतीय दंड संहिता की धाराओं में सतीश चंद्र वर्मा, आलोक शुक्ला, और अनिल टुटेजा के खिलाफ अपराध दर्ज किए हैं।

ईओडब्ल्यू का आरोप

ईओडब्ल्यू का आरोप है कि इन तीनों ने मिलकर महाधिवक्ता वर्मा (Former Advocate General Satish Chandra Verma) से लाभ प्राप्त करने का प्रयास किया, ताकि वह अपनी शक्तियों का दुरुपयोग करके सरकारी कार्यों में गड़बड़ी कर सकें।

इसके बाद, इन तीनों ने ईओडब्ल्यू के उच्चाधिकारियों से दस्तावेज और विभागीय जानकारी में बदलाव करवाया ताकि वे नागरिक आपूर्ति निगम के खिलाफ 2015 में दर्ज मामले में अपना पक्ष मजबूत कर सकें और अग्रिम जमानत प्राप्त कर सकें।

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बीजेपी लगाती है ये आरोप

इस घोटाले (Chhattisgarh NAN Scam) को लेकर बीजेपी का आरोप है कि यह घोटाला भूपेश बघेल (Bhupesh Baghel) के कार्यकाल में हुआ था। बीजेपी का कहना है कि राज्य में 13,301 राशन दुकानों में गड़बड़ी की गई है और अकेले चावल में 600 करोड़ रुपये का घोटाला हुआ है।

कुल घोटाला एक हजार करोड़ रुपये से ज्यादा का बताया जा रहा है। बीजेपी का आरोप है कि राशन दुकानदारों से स्टॉक वैरिफिकेशन न करने के बदले 10-10 लाख रुपये लिए गए थे।

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