हाइलाइट्स
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बहुचर्चित शराब घोटाला मामले में कार्रवाई
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पूर्व IAS अनिल टुटेजा और बेटे यश टुटेजा हिरासत में
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ED ने बयान दर्ज होने के बाद हिरासत में लिया
Chhattisgarh Liquor Scam Case: छत्तीसगढ़ के चर्चित 2 हजार करोड़ के शराब घोटाले मामले में पूर्व आईएएस अनिल टुटेजा (Anil Tuteja) और उनके बेटे यश टुटेजा (Yash Tuteja) को ईडी की टीम ने हिरासत में ले लिया है. दोनों शनिवार को ईओडब्ल्यू (EOW) दफ्तर बयान देने पहुंचे हुए थे. करीब 5 घंटे की पूछताछ के बाद उन्हें ईडी (ED) ने हिरासत में ले लिया. ईडी दोनों से शराब घोटाला मामले में पूछताछ कर सकती है.
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बता दें कि ईडी ने हाल ही में शराब घोटाले मामले (Liquor Scam Case) में फ्रेश ECIR दर्ज की है. जिसमें अनिल और यश टुटेजा दोनों का भी नाम शामिल है. ED दोनों को गिरफ्तार कर राजधानी के पचपेड़ी नाका स्थित सब जोनल ऑफिस लेकर आई है.
EOW की पूछताछ के बाद ED ने हिरासत में लिया
बताया जा रहा है कि दोनों की गिरफ्तारी के दौरान EOW दफ्तर के बाहर चूहे बिल्ली के खेल जैसी स्थिति बन गई थी. जब EOW दफ्तर में दोनों पिता-पुत्र से पूछताछ चल रही थी. तब ED के अधिकारी उन्हें हिरासत में लेने के लिए बाहर खड़े हुए थे. अनिल टुटेजा जब बाहर निकले तो प्रवर्तन निदेशालय के अधिकारियों को देखकर EOW ऑफिस के अंदर चले गए.
फिर बाद में ED के अधिकारी अंदर जाकर EOW के अधिकारियों से बातचीत की. इसके बाद EOW ऑफिस से ही गाड़ी में बैठाकर ED के सब जोनल ऑफिस ले आए. इससे पहले छत्तीसगढ़ शराब घोटाला मामले (Chhattisgarh Liquor Scam Case) में आबकारी विभाग के पूर्व अधिकारी और अरुणपति त्रिपाठी को 25 अप्रैल तक EOW की रिमांड पर रखा गया है.
अनिल और यश टुटेजा के खिलाफ नो कोरोसिव एक्शन का आदेश
जानकारी के लिए बता दें कि शराब घोटाले में अनिल और उनके बेटे यश टुटेजा की किसी भी तरह भूमिका को सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) खारिज कर चुकी है. दोनों के खिलाफ नो कोरोसिव एक्शन का आदेश भी है. लेकिन सुप्रीम कोर्ट के केस खारिज करने के बाद ED ने फिर से शराब घोटाले (Liquor Scam Case) में एफआईआर दर्ज कर ली है. उधर, ईडी के प्रतिवेदन के आधार पर EOW ने भी केस दर्ज किया है.
शराब घोटाले मामले में अब तक 3 बड़ी गिरफ्तारियां
इस मामले (Chhattisgarh Liquor Scam Case) में अब तक 3 बड़ी गिरफ्तारियां हुई हैं. कारोबारी अनवर ढेबर (Anwar Dhebar) और अरविंद सिंह (Arvind Singh) की रिमांड खत्म होने पर उन्हें जेल भेज दिया गया है. वहीं बिहार से गिरफ्तार एपी त्रिपाठी (AP Tripathi) ईओडब्ल्यू (EOW) की रिमांड पर हैं. उन्हें 25 तारीख तक रिमांड में भेजा गया है और पूछताछ की जा रही है.
EOW ने 70 लोगों पर की नामजद FIR दर्ज
शराब मामले (Chhattisgarh Liquor Scam Case) में ईडी के प्रतिवेदन पर EOW ने 70 लोगों पर नामजद FIR दर्ज की है. इसमें कांग्रेस सरकार में पूर्व आबकारी मंत्री कवासी लखमा (Kawasi Lakhma) और पूर्व आईएएस अनिल टुटेजा और उनके बेटे यश टुटेजा को आरोपी बनाया गया है.
जिन लोगों के नाम पर FIR दर्ज हैं, उन्हें पूछताछ के लिए बुलाया जा रहा है. पहले चरण में अधिकारियों को बुलाया जा रहा है. इसके बाद पूछताछ के लिए शराब कारोबारी और फिर नेताओं को बुलाया जाएगा. लखमा को भी पूछताछ के लिए बुलाया जा सकता है.
क्या है शराब घोटाला मामला ?
ईडी की जांच के अनुसार, पिछली कांग्रेस सरकार में बड़े स्तर के अधिकारियों, निजी व्यक्तियों और राजनीतिक अधिकारियों वाला एक सिंडिकेट काम कर रहा था. प्रदेश में शराब व्यापार में बड़े पैमाने पर घोटाला करने का आरोप लगाया गया है. इस घोटाले के जरिए साल 2019-22 में 2 हजार करोड़ से अधिक के काले धन की कमाई की गई. वहीं मनी लॉन्ड्रिंग मामला साल 2022 में दिल्ली की एक अदालत में दायर आयकर विभाग की चार्जशीट से उपजा.
पिछली कांग्रेस सरकार पर आरोप है कि CSMCL (शराब की खरीद और बिक्री के लिए राज्य निकाय) से शराब खरीदने के दौरान रिश्वतखोरी की गई. राज्य (Chhattisgarh) में डिस्टिलर्स से रिश्वत ली गई और देशी शराब को ऑफ-द-बुक बेचा गया. डिस्टिलर्स (Distillers) से कार्टेल बनाने और बाजार में एक निश्चित हिस्सेदारी की परमिशन देने के लिए घूस ली गई थी.
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