Chhattisgarh Housing Board News: छत्तीसगढ़ गृह निर्माण मंडल (CG Housing Board) द्वारा बनाए गए हजारों मकानों की बिक्री नहीं हो पाने की वजह से सरकार को अब खरीदारों की राह ताकनी पड़ रही है। बीते सात वर्षों से यह मकान बिक नहीं पा रहे थे, जिसके बाद प्रदेश सरकार ने बड़ा फैसला लिया और 10% से 30% तक की छूट देने का प्रावधान किया। छूट लागू होने के बाद भी अब तक 50% से ज्यादा मकान खाली हैं। मंडल के अनुसार 2900 में से अभी भी 1700 मकान ऐसे हैं, जिन्हें कोई खरीददार नहीं मिल रहा।
शहरों से दूर मकान, नहीं मिल रही सहूलियत
इन मकानों का सबसे बड़ा संकट है उनकी लोकेशन। अधिकतर आवास आउटर एरिया या विकास से दूर इलाकों में बनाए गए हैं, जहां आवागमन, सार्वजनिक परिवहन, मार्केट और अस्पताल जैसी बुनियादी सुविधाएं अब भी नदारद हैं। इसलिए लोग कीमत में छूट के बावजूद इनमें रुचि नहीं दिखा रहे।
विशेष रूप से नया रायपुर जैसे क्षेत्रों में हाउसिंग बोर्ड (Chhattisgarh Housing Board) को खरीदार नहीं मिल रहे हैं। उदाहरण के लिए, नया रायपुर के सेक्टर 12 में 525 मकान खाली पड़े हैं, जिनकी कीमत 16.76 लाख से लेकर 85.47 लाख रुपये तक है। वहीं सेक्टर 29 में 154 और सेक्टर 27 में 67 मकान खाली हैं।
करोड़ों की लागत, फिर भी विक्रय ठप
भाजपा सरकार के पिछले कार्यकाल में लगभग 500 करोड़ की लागत से करीब 3000 मकानों का निर्माण हुआ था। वर्तमान सरकार ने जब इनकी बिक्री नहीं होते देखी, तब कैबिनेट में छूट देने का फैसला लिया गया। अब तक केवल 900 मकान बिके हैं और 300 की बुकिंग हुई है, बाकी 1700 मकानों पर सरकार को खरीदारों का इंतज़ार है।
बोरियाकला से सेजबहार तक दुकानों पर भी ताले
मकानों के अलावा बोरियाकला, सेजबहार और सड्ड जैसे इलाकों में बनीं दुकानें भी खाली पड़ी हैं। बोरियाकला के 300 से अधिक मकान अब खंडहर जैसे हो चुके हैं, वहीं 29 दुकानें भी बिना ग्राहक के हैं।
सस्ती कीमतों में आमजन के लिए बनाए गए अटल आवास भी लोगों को आकर्षित नहीं कर पा रहे हैं। बीजापुर, धमतरी, नवापारा, बालोद और भानुप्रतापपुर जैसे इलाकों में इन मकानों की कीमत 6 से 30 लाख रुपये के बीच है, लेकिन खरीदार अब भी सामने नहीं आ रहे।
दीपावली पर नई हाउसिंग स्कीम की तैयारी
गृह निर्माण मंडल (Chhattisgarh Housing Board) अब ब्लॉक स्तर तक घरों की योजना बनाने की तैयारी में है। मंडल अध्यक्ष अनुराग सिंहदेव के मुताबिक, दीपावली के आसपास कुछ नई योजनाएं लांच की जाएंगी ताकि नए स्थानों पर रुचि बढ़ाई जा सके। इस बार रणनीति यह है कि शहरों के पास, सुविधाजनक स्थानों पर मकान बनाए जाएं ताकि आम जनता को न सिर्फ कीमत में राहत मिले बल्कि जीवनशैली की सुविधाएं भी मिल सकें।