Chhattisgarh Employees Demands: छत्तीसगढ़ कर्मचारी अधिकारी फेडरेशन (Chhattisgarh Employees Federation) के प्रतिनिधिमंडल ने मुख्यमंत्री विष्णु देव साय (Vishnu Dev Sai) से मुलाकात की।
संघ ने वेतन विसंगति (Salary Discrepancy), चार स्तरीय पदोन्नति वेतनमान (Promotion Pay Scale), महंगाई भत्ते (Dearness Allowance) के एरियर भुगतान सहित कई मुद्दों पर चर्चा की। मुख्यमंत्री ने होली से पहले 3% महंगाई भत्ते की स्वीकृति पर कर्मचारी संघ का आभार जताया।
यह भी पढ़ें: अंबिकापुर में छात्रा का अपहरण: पुलिस को इस शहर में होने की मिली जानकारी, किडनैपिंग की कहानी में आया नया ट्विस्ट
महंगाई भत्ते और वेतन विसंगति का मामला
संघ ने जुलाई 2019 से लंबित महंगाई भत्ते (Dearness Allowance Arrears) को भविष्य निधि (Provident Fund) में समायोजित करने की मांग की।
संघ ने यह भी आग्रह किया कि
- विभिन्न संवर्गों में वेतन विसंगति को दूर किया जाए।
- चार स्तरीय पदोन्नति वेतनमान क्रमशः 8, 16, 24 और 32 वर्षों की सेवा पर मिले।
- पिंगुआ कमेटी (Pingua Committee) की रिपोर्ट सार्वजनिक की जाए।
अर्जित अवकाश और कैशलेस इलाज की मांग
संघ ने मध्यप्रदेश की तर्ज पर छत्तीसगढ़ में अर्जित अवकाश (Earned Leave) के 300 दिनों का नगदीकरण (Encashment) करने की मांग की।
साथ ही, शासकीय सेवकों और पेंशनरों के लिए राज्य के मान्यता प्राप्त अस्पतालों में कैशलेस इलाज (Cashless Medical Treatment) की सुविधा देने पर भी चर्चा हुई।
प्रतिनिधिमंडल में कौन-कौन शामिल थे?
इस मौके पर कर्मचारी संघ के प्रमुख सदस्य मौजूद रहे, जिनमें
- बी.पी. शर्मा
- चंद्रशेखर तिवारी
- सतीश मिश्रा
- पंकज पांडेय
- राजेश चटर्जी
- सत्येंद्र देवांगन
- अजीत दुबे
- जय कुमार साहू
- ऋतु परिहार
- उमेश मुदलियार
- राजेंद्र चंद्राकर
- पीतांबर पटेल
- संतोष कुमार वर्मा
शामिल थे।
कर्मचारी संघ की मुख्य मांगें
- वेतन विसंगति को दूर किया जाए।
- लंबित महंगाई भत्ते का एरियर भविष्य निधि में समायोजित हो।
- चार स्तरीय पदोन्नति वेतनमान लागू किया जाए।
- अर्जित अवकाश का नगदीकरण 300 दिन तक हो।
- कर्मचारियों और पेंशनरों को कैशलेस इलाज की सुविधा मिले।
यह भी पढ़ें: छत्तीसगढ़ विधानसभा सत्र: सदन में आज हंगामे का आसार, कई मुद्दों पर गरमाएगी बहस, जानें कौन-कौन मंत्री देंगे जवाब?