हाइलाइट्स
शादी के एक साल बाद ही दे दिया था तलाक
घर बचा रहे इसलिए देरी से की महिला ने FIR
शादी से पहले ही कर दी थी जुनैद ने डिमांड
CG Triple Talaq: छत्तीसगढ़ के गौरेला में एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है। यहां एक महिला को दहेज में बाइक और एसी नहीं देने पर उसके पति ने तीन तलाक (CG Triple Talaq) दे दिया। पीड़िता स्वालेहा बेगम (24) ने अपने पति शेख जुनैद (27) के खिलाफ गौरेला थाने में शिकायत दर्ज कराई है।
स्वालेहा बेगम गौरेला के टीकरकला वार्ड 12 की रहने वाली हैं। उनकी शादी 14 मई 2023 को बलौदाबाजार के रहने वाले शेख जुनैद के साथ हुई थी। पीड़िता ने जानकारी दी कि जुनैद ने शादी से पहले बाइक और एसी सहित अन्य सामान की मांग की थी। इस दौरान दहेज में स्वाहेला के पिता ने वॉशिंग मशीन, सोफा, ड्रेसिंग टेबल, अलमारी, फ्रिज और कूलर दिया था।
दहेज कम लाने पर पति करने लगा प्रताड़ित
शादी होने के बाद जब स्वालेहा अपनी ससुराल गई तो उसका पति उसे दहेज (CG Triple Talaq) कम लाने को लेकर परेशान करने लगा। इतना ही नहीं स्वालेहा को शारीरिक और मानसिक प्रताड़ना देने लगा। इसी बीच 15 सितंबर 2024 को पति ने स्वालेहा को तीन बार तलाक-तलाक-तलाक कहकर तलाक देकर घर से निकाल दिया।
रिश्ता बचाने पहले नहीं लिखवाई रिपोर्ट
स्वालेहा ने बताया कि तलाक (CG Triple Talaq) देने के बाद उसने अपने माता-पिता को सूचना दी। वह अब अपने माता-पिता के घर में रह रही है। उन्होंने कहा, मैं काफी परेशान हूं और डरी सहमी हूं। मैंने रिश्ता बना रहे सोचकर रिपोर्ट नहीं लिखवाई थी, लेकिन पति ने अब तक कोई पूछताछ नहीं की। अब तंग आकर मैंने पति के खिलाफ मामला दर्ज कराया है। इस मामले में गौरेला थाने में आरोपी पति शेख जुनैद के खिलाफ अपराध दर्ज कर लिया गया है। एएसपी के द्वारा बताया कि मामले की जांच की जा रही है।
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क्या है तीन तलाक कानून?

अगस्त 2019 में मुस्लिम (CG Triple Talaq) महिला (विवाह अधिकार संरक्षण) विधेयक ने कानून का रूप ले लिया था। इसमें कई प्रमुख प्रावधान किए गए हैं। जो मुस्लिम महिलाओं को तीन तलाक देने पर प्रोटेक्ट करता है।
तीन तलाक को गैर-कानूनी घोषित किया गया: तीन तलाक यानी तलाक-ए-बिद्दत को रद्द और गैर-कानूनी घोषित किया गया है।
आरोपी को बिना वारंट गिरफ्तार किया जा सकता है: पुलिस आरोपी को बिना वारंट गिरफ्तार कर सकती है।
तीन साल तक की सजा का प्रावधान: इस कानून के तहत आरोपी को तीन साल तक की सजा हो सकती है।
जमानत का प्रावधान: मजिस्ट्रेट आरोपी को जमानत दे सकता है, लेकिन जमानत तभी दी जाएगी, जब पीड़ित महिला का पक्ष सुना जाएगा।
गुज़ारा भत्ते का दावा: पीड़ित महिला पति से गुज़ारा भत्ते का दावा कर सकती है। इसकी रकम मजिस्ट्रेट तय करेगा।
बच्चों की कस्टडी: पीड़ित महिला नाबालिग बच्चों को अपने पास रख सकती है।
यह कानून मुस्लिम महिलाओं को तीन तलाक के खिलाफ कानूनी संरक्षण प्रदान करता है और उनके अधिकारों को मजबूत करता है।
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