CG Power Tariff Hike: छत्तीसगढ़ में बिजली उपभोक्ताओं को जल्द ही झटका लग सकता है। छत्तीसगढ़ विद्युत वितरण कंपनी (CSPDCL) ने छत्तीसगढ़ विद्युत नियामक आयोग (CSERC) को बिजली दरों में औसतन 20 प्रतिशत बढ़ोतरी का प्रस्ताव दिया है। कंपनी का दावा है कि वह इस वक्त करीब 4947 करोड़ रुपए के घाटे (Financial Loss) में है।
पहली बार नई सरकार में दरें बढ़ने की संभावना
अगर नियामक आयोग इस प्रस्ताव को मंजूरी देता है, तो यह नई भाजपा सरकार (BJP Government) में पहली बार होगा जब राज्य में बिजली दरें बढ़ेंगी। इससे पहले कांग्रेस सरकार के कार्यकाल में दो बार बिजली दरें बढ़ चुकी हैं।
जनसुनवाई के दौरान जनता और कांग्रेस का विरोध शुरू
बिजली दरों में संभावित बढ़ोतरी को लेकर छत्तीसगढ़ में जनसुनवाई की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है। घरेलू और कृषि उपभोक्ताओं ने बढ़ोतरी का विरोध किया है। कांग्रेस पार्टी (Congress Party) ने भी इसे आम जनता पर बोझ बताते हुए आंदोलन की चेतावनी दी है।
CSPDCL का तर्क- पुराना घाटा अभी बाकी है
CSPDCL का कहना है कि इस साल उसे बिजली आपूर्ति के लिए 23,450 करोड़ रुपए की जरूरत है जबकि वर्तमान दरों से उसे 24,654 करोड़ रुपए तक का राजस्व मिलने की उम्मीद है। यानी इस वर्ष वह 1204 करोड़ रुपए का लाभ कमा सकता है।
लेकिन पिछले वर्षों में हुए करीब 6150 करोड़ रुपए के नुकसान की भरपाई के बाद कंपनी अब भी 4947 करोड़ रुपए के घाटे में है। इसी आधार पर कंपनी ने बिजली की सभी श्रेणियों में युक्तिसंगत दरों की पुनर्निर्धारण की मांग की है।
पिछले 4 सालों में यह हुआ बदलाव
-
वर्ष 2021-22 में दरें स्थिर रहीं
-
वर्ष 2022-23 में 2.50% की बढ़ोतरी
-
वर्ष 2023-24 में कोई वृद्धि नहीं
-
वर्ष 2024-25 में 4.88% की बढ़ोतरी
इन चार वर्षों में कुल मिलाकर बिजली दरें लगभग 7 प्रतिशत बढ़ चुकी हैं। उदाहरण के तौर पर 2021-22 में 200 यूनिट की खपत पर 800 रुपए का बिल आता था, जो अब 860 रुपए हो गया है।
अगर इस बार प्रस्तावित 20% वृद्धि होती है, तो यह सीधा असर मध्यमवर्गीय और निम्न आयवर्ग के उपभोक्ताओं पर डालेगा।
यह भी पढ़ें: छत्तीसगढ़ में पूरी तरह सक्रिय हुआ मानसून: 15 जिलों में भारी बारिश की चेतावनी, नागरिकों को सतर्क रहने की सलाह