CG Congress Protest: छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) में बिजली उपभोक्ताओं को अगस्त (August) से बिजली दरों में बढ़ोतरी (Power Tariff Hike) का असर सीधे अपनी जेब पर झेलना पड़ेगा। बिजली नियामक आयोग (Electricity Regulatory Commission) ने नया टैरिफ जारी कर दिया है, जिसमें घरेलू उपभोक्ताओं को अब प्रति यूनिट 20 पैसे और कॉमर्शियल उपभोक्ताओं को 25 पैसे प्रति यूनिट ज्यादा देना होगा।
CSPDCL दफ्तर के बाहर कांग्रेस का जोरदार प्रदर्शन
शनिवार को रायपुर (Raipur) के बूढ़ापारा स्थित CSPDCL (Chhattisgarh State Power Distribution Company Limited) कार्यालय के बाहर कांग्रेस (Congress) कार्यकर्ताओं ने बिजली बिल जलाकर विरोध जताया। कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष दीपक बैज (Deepak Baij) ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि बीजेपी (BJP) सरकार जनता को लूटने का काम कर रही है।
बैज बोले- साय सरकार ने डेढ़ साल में चौथी बार बढ़ाए दाम
दीपक बैज ने कहा कि मुख्यमंत्री विष्णु देव साय (Vishnu Deo Sai) की सरकार ने पिछले डेढ़ साल में चौथी बार बिजली के दाम बढ़ाए हैं। उन्होंने कहा कि 2003 में छत्तीसगढ़ में बिजली दर 3 रुपए 30 पैसे प्रति यूनिट थी, जिसे रमन सिंह (Raman Singh) की पूर्ववर्ती सरकार ने बढ़ाकर 6 रुपए 40 पैसे तक पहुंचा दिया।
कांग्रेस शासनकाल में दी गई थी राहत
बैज ने बताया कि कांग्रेस सरकार ने पांच साल में बिजली के दाम महज 2 पैसे बढ़ने दिए और 3240 करोड़ रुपए की सब्सिडी (Subsidy) देकर उपभोक्ताओं को राहत दी थी। ‘बिजली बिल हाफ योजना’ (Bijli Bill Half Yojana) के तहत 65 लाख से अधिक घरेलू उपभोक्ताओं को फायदा मिला था। किसानों को 5 एचपी तक मुफ्त बिजली दी गई थी और बीपीएल उपभोक्ताओं को 40 यूनिट तक निशुल्क बिजली मिली थी।
अब फिर से जनता पर बोझ
कांग्रेस ने आरोप लगाया कि कोयला, पानी और जमीन सब कुछ छत्तीसगढ़ का (Chhattisgarh) है, फिर भी जनता को महंगी बिजली खरीदनी पड़ रही है। दीपक बैज ने कहा कि आने वाले समय में भाजपा सरकार के खिलाफ चरणबद्ध आंदोलन (Protest) पूरे प्रदेश में चलाया जाएगा।
बिजली कंपनी का तर्क
बिजली कंपनी (CSPDCL) के अधिकारियों का कहना है कि नुकसान की भरपाई के लिए यह बढ़ोतरी जरूरी थी। दैनिक भास्कर डिजिटल की रिपोर्ट के अनुसार, पहले ही संकेत मिल गए थे कि 10-15 पैसे प्रति यूनिट की बढ़ोतरी हो सकती है, पर बढ़ोतरी 20 से 25 पैसे तक कर दी गई है।
अब घरेलू उपभोक्ताओं के मासिक बिल में सीधा असर पड़ेगा। अगर किसी का औसत खपत 200 यूनिट है तो उसे हर महीने 40 रुपए से ज्यादा देना होगा।
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