CG Coal Levy Scam: छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) में लंबे समय से चर्चा में रहे कोल लेवी घोटाले (Coal Levy Scam) की जांच अब केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) को सौंपी गई है। राज्य सरकार की साय सरकार (Sai Government) ने दिल्ली विशेष पुलिस प्रतिष्ठान अधिनियम (Delhi Special Police Establishment Act) की धारा 6 के तहत सीबीआई को प्रदेश में जांच के अधिकार देने की अधिसूचना जारी कर दी है। इसके बाद अब कोल घोटाले से जुड़ी हर कड़ी की जांच सीबीआई के हाथों में होगी।
CID ने जिलों को जारी किया आदेश
गृह विभाग की अधिसूचना जारी होते ही राज्य पुलिस मुख्यालय की सीआईडी शाखा (CID Branch) ने सभी जिलों के एसपी (SP) और रेंज आईजी (Range IG) को निर्देश जारी किए हैं कि वे सीबीआई जांच के दौरान पूरा सहयोग दें और जरूरी कागजी कार्यवाही तत्काल उपलब्ध कराएं।
ईडी और ईओडब्ल्यू पहले से कर रही थी कार्रवाई
इस घोटाले की जांच पहले से ही प्रवर्तन निदेशालय (Enforcement Directorate – ED) और आर्थिक अपराध अन्वेषण ब्यूरो (Economic Offences Wing – EOW) कर रही थी।
ईडी का दावा है कि कोल परिवहन (Coal Transportation), परमिट के ऑनलाइन से ऑफलाइन में बदलने जैसे तरीकों से करीब 570 करोड़ रुपए की अवैध वसूली की गई। अब तक इस मामले में 36 लोगों के खिलाफ एफआईआर (FIR) दर्ज हो चुकी है।
नवनीत तिवारी की गिरफ्तारी से हलचल
इसी मामले में ईओडब्ल्यू ने रविवार को बड़ी कार्रवाई करते हुए एक और आरोपी नवनीत तिवारी (Navneet Tiwari) को गिरफ्तार किया है। ईओडब्ल्यू और एसीबी (ACB) की टीम नवनीत को लंबे समय से तलाश रही थी।
नवनीत तिवारी पर आरोप है कि उसने अवैध कोल लेवी वसूली और अवैध पैसों के निवेश की योजना बनाई थी। ईडी की छापेमारी के बाद से ही नवनीत फरार चल रहा था और कोर्ट ने उसके खिलाफ स्थायी गिरफ्तारी वारंट भी जारी कर रखा था।
मास्टरमाइंड जेल में, कई आरोपी बेल पर बाहर
कोल लेवी घोटाले का मास्टरमाइंड कहे जाने वाले सूर्यकांत तिवारी (Suryakant Tiwari) अभी भी जेल में बंद हैं। वहीं निलंबित आईएएस अफसर रानू साहू (Ranu Sahu), समीर विश्नोई (Sameer Vishnoi), सौम्या चौरसिया (Saumya Chaurasia), रजनीकांत तिवारी (Rajnikant Tiwari), वीरेन्द्र जायसवाल (Virendra Jaiswal) और संदीप नायक (Sandeep Nayak) को अदालत से जमानत मिल चुकी है और वे फिलहाल छत्तीसगढ़ से बाहर हैं।
जांच से खुल सकते हैं और भी राज
अब जब सीबीआई को अधिकार मिल गए हैं, तो उम्मीद की जा रही है कि घोटाले से जुड़े कई और राज सामने आ सकते हैं। ईडी पहले ही दावा कर चुकी है कि इस घोटाले में कई बड़े अधिकारियों और कारोबारियों की मिलीभगत रही है। ऐसे में सीबीआई की एंट्री के बाद कार्रवाई और तेज हो सकती है।
जनता को उम्मीद- दोषियों पर सख्त कार्रवाई
कोल लेवी घोटाला छत्तीसगढ़ में एक बड़ा राजनीतिक और प्रशासनिक मुद्दा बन चुका है। जनता को अब उम्मीद है कि सीबीआई की निष्पक्ष जांच से सच्चाई सामने आएगी और दोषियों को सख्त सजा मिलेगी।
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