Chhattisgarh News: छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णु देव साय (Vishnu Deo Sai) ने छात्रों के हित में बड़ा फैसला लेते हुए प्राइवेट स्कूलों (Private Schools) में किताब वितरण (Textbook Distribution) को लेकर बारकोड स्कैनिंग (Barcode Scanning) की अनिवार्यता को 7 दिन के लिए टाल दिया है। इस फैसले से राज्य के पांच हजार से ज्यादा निजी स्कूलों को बड़ी राहत मिली है।
किताब वितरण को पारदर्शी बनाने नया सिस्टम
छत्तीसगढ़ पाठ्यपुस्तक निगम (Chhattisgarh Textbook Corporation) के अध्यक्ष राजा पाण्डेय (Raja Pandey) ने बताया कि इस साल किताब वितरण प्रणाली को पूरी तरह पारदर्शी बनाने के लिए हर किताब पर डबल बारकोड सिस्टम लागू किया गया है। एक बारकोड प्रिंटर की पहचान के लिए और दूसरा उस स्कूल की पहचान के लिए है, जहां किताब भेजी जानी है।
पिछले साल की गड़बड़ियों से सबक
पिछले साल किताब वितरण (Book Distribution) में कुछ अनियमितताएं उजागर हुई थीं, जिनसे सबक लेते हुए इस साल सिस्टम को पूरी तरह डिजिटल कर दिया गया है। कक्षा 1 से 10 तक की करीब 2.41 करोड़ किताबें छप चुकी हैं और 90% से ज्यादा सरकारी स्कूलों (Government Schools) में इन्हें बांटा भी जा चुका है।
प्राइवेट स्कूलों में क्यों आई दिक्कत?
इस बार निजी स्कूलों को किताबें तभी मिल रही हैं, जब उनकी बारकोड स्कैनिंग पूरी हो जाए। पहले यह काम जिला शिक्षा अधिकारियों के माध्यम से होता था, पर सिस्टम को पारदर्शी बनाने के लिए इसे बदला गया है। डिपो में जगह की कमी और तकनीकी दिक्कतों से स्कैनिंग प्रक्रिया धीमी हो गई थी। इसकी वजह से हजारों स्कूलों को किताबें मिलने में देरी हो रही थी।
मुख्यमंत्री ने लिया त्वरित फैसला
1100 से ज्यादा सरस्वती शिशु मंदिर (Saraswati Shishu Mandir) समेत हजारों निजी स्कूलों की समस्या मुख्यमंत्री के संज्ञान में आई तो उन्होंने तुरंत निर्देश दिए कि स्कूल अपनी जरूरत के मुताबिक किताबें डिपो से ले सकते हैं। लेकिन उन्हें स्कूल स्तर पर 7 दिन के भीतर बारकोड स्कैनिंग पूरी करनी होगी। इससे लाखों बच्चों को समय पर किताबें मिल सकेंगी।
शिक्षा के प्रति संवेदनशीलता का उदाहरण
पाठ्यपुस्तक निगम के अध्यक्ष राजा पाण्डेय ने मुख्यमंत्री के इस कदम की तारीफ करते हुए कहा कि यह फैसला छात्रों को किताबों से वंचित न रहने देने की मंशा को दिखाता है। यह साबित करता है कि मुख्यमंत्री विष्णु देव साय के नेतृत्व में राज्य सरकार शिक्षा व्यवस्था को और मजबूत करने में कोई कसर नहीं छोड़ रही।
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