CG News: छत्तीसगढ़ सरकार के प्रशासनिक कामकाज में सुधार के प्रयासों के तहत मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने मंत्रिपरिषद की बैठकों से पहले विभागीय संक्षेपिकाओं (Departmental Summaries) की लेटलतीफी और अधूरी जानकारियों पर गहरी नाराजगी जाहिर की है।
मुख्यमंत्री सचिवालय ने इस संबंध में सभी विभागों को निर्देशित किया है कि कैबिनेट बैठक के लिए संक्षेपिकाएं समय पर, पूर्ण और निर्धारित प्रारूप में भेजी जाएं, ताकि जरूरी नीतिगत फैसले समय पर लिए जा सकें।
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कैबिनेट बैठक में अड़चन बन रही विभागीय लापरवाही
मुख्यमंत्री को जानकारी मिली कि कई विभाग कैबिनेट बैठक की तारीख तय होने के बाद ही संक्षेपिकाएं भेजते हैं, जिससे अंतरविभागीय परामर्श (Interdepartmental Consultation) का समय नहीं मिलता। कई प्रस्ताव स्पष्ट नहीं होते, तो कई में वित्तीय विवरण का अभाव होता है।
प्रमुख सचिव सुबोध कुमार सिंह ने जारी किया 7 बिंदुओं वाला निर्देश
मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव सुबोध कुमार सिंह (Subodh Kumar Singh) ने एक सर्कुलर जारी कर निम्नलिखित निर्देश दिए:
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सभी संक्षेपिकाएं निर्धारित प्रारूप (Format) में भेजी जाएं और अधिकतम 7 से 8 पृष्ठों में हों।
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सभी प्रस्तावों में स्पष्ट रूप से वित्तीय भार, उद्देश्य और प्रभाव की जानकारी शामिल की जाए।
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कैबिनेट नोट के साथ प्रेस ब्रीफ, प्रेस नोट, सोशल मीडिया संदेश और प्रेजेंटेशन स्लाइड्स भी भेजी जाएं।
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बैठक से एक दिन पहले सभी मीडिया सामग्री मुख्यमंत्री सचिवालय (CM Secretariat) को ईमेल की जाए।
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कैबिनेट सचिवालय, भारत सरकार द्वारा तैयार पुस्तिका का अध्ययन सभी अधिकारी करें।
प्रशासनिक प्रक्रिया में पारदर्शिता और समयबद्धता की प्राथमिकता
मुख्यमंत्री ने साफ कर दिया है कि सरकार की योजनाएं और फैसले तभी प्रभावी होंगे जब उनकी तैयारी और प्रस्तुति सही समय पर हो। कैबिनेट में बिना समुचित परामर्श और अधूरी जानकारी वाले प्रस्तावों की अब कोई जगह नहीं होगी।