Chhattisgarh Civil Judge 2024: छत्तीसगढ़ में सिविल जज बनने की तैयारी कर रहे उम्मीदवारों को अब न्यायिक अधिकारी बनने की नई प्रक्रिया से गुजरना होगा। हाई कोर्ट, राज्यपाल और PSC से परामर्श करने के बाद छत्तीसगढ़ निम्नतर न्यायिक सेवा (भर्ती तथा सेवा शर्तें) नियम में ये अहम बदलाव किया गया है।
निम्नतर न्यायिक सेवा नियम में बदलाव के बाद अब सिविल जज परीक्षा में शामिल होने के लिए उम्मीदवारों को विधि में स्नातक की डिग्री के साथ स्टेट बार काउंसिल से अधिवक्ता के रूप में रजिस्ट्रेशन करवाना आवश्यक होगा। वहीं, इस संबंध में राजपत्र में अधिसूचना का प्रकाशन किया जा चुका है।
सिविल जज बनने के लिए छत्तीसगढ़ का ज्ञान जरूरी
छत्तीसगढ़ निम्नतर न्यायिक सेवा नियम में दो अहम बदलाव किए गए हैं। इसमें पहला इस्तीफे के लिए तीन महीने पहले सूचना देना होगा या फिर पद का त्याग के समय तीन महीने की सैलरी देनी होगी। बता दें कि इससे पहले पद को छोड़ने पर एक महीने की सैलरी या फिर एक महीने पहले सूचना देने का नियम था।
दूसरा बदलाव सिविल जज की प्रारंभिक परीक्षा का सिलेबस में छत्तीसगढ़ का सामान्य ज्ञान होना भी शामिल किया गया है। इस सिलेबस का सीधा-सीधा फायदा स्थानीय युवाओं को मिलेगा।
BCI ने रखी थी तीन साल वकालत की मांग
देश में वकीलों की शीर्ष संस्था बार काउंसिल ऑफ इंडिया (BCI) ने 2022 में न्यायिक अधिकारी बनने के लिए कम से कम 3 साल की वकालत अनिवार्य करने की मांग रखी थी। उन्होंने कहा था कि वकील के तौर पर व्यावहारिक अनुभव होना आवश्यक है। BCI ने यह भी कहा कि अधिकतर गैरअनुभवी न्यायिक अधिकारी मामलों के निपटारे के लिए अकुशल पाए जाते हैं।
पहले विधि स्नातक के बाद बनते थे सिविल जज
नए नियम से पहले सिविल जज बनने के लिए विधि में स्नातक की परीक्षा पास करना होता था, जिसके बाद वह सिविल जज बनते थे। फिलहाल प्रदेश की न्यायिक सेवा में इस बार बड़ी संख्या में ऐसे न्यायिक अधिकारी (सिविल जज) हैं, जिन्होंने विधि में स्नातक करने के बाद सिविल जज की परीक्षा को पास किया था। मगर संशोधन के बाद अब स्टेट बार काउंसिल में रजिस्ट्रेशन करना जरूरी होगा।
स्टूडेंट्स को सिविल जज के लिए करना होगा आठ माह का इंतजार
अधिवक्ता अधिनियम 1961 में नामांकित के लिए एक हजार रुपए का फॉर्म भरने से लेकर 16 हजार 500 रुपए का रजिस्ट्रेशन शुल्क का भुगतान करना होगा। वहीं, इसकी साल में दो बार परीक्षा आयोजित की जाएगी। जबकि परीक्षा के परिणाम आने में चार महीने का समय लगता है।
स्टूडेंट्स का इस परीक्षा में चयनित होने के बाद 10 हजार रुपए की आजीवन सदस्यता शुल्क लगेगा। इस तरह से आठ माह की प्रक्रिया और 31 हजार रुपए का खर्च कर सिविल जज परीक्षा दे पाएंगे।
अनुभवी और योग्य उम्मीदवार मिलेंगे
नए नियम को लेकर छत्तीसगढ़ के डिप्टी सीएम एवं विधि-विधायी मंत्री अरुण साव का कहना है कि स्टेट बार काउंसिल में रजिस्ट्रेशन होने के बाद अनुभवी और योग्य उम्मीदवार मिलेंगे। वहीं, छत्तीसगढ़ के विषयों में सामान्य ज्ञान रखने वाले स्थानीय उम्मीदवारों को भी इससे काफी लाभ मिलेगा। साथ ही इससे उम्मीदवारों को प्रदेश के बारे में जानने की उत्सुकता भी बढ़ेगी, जिसको ध्यान में रखकर यह फैसला लिया गया है।
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