CG Chirag Project Closed: छत्तीसगढ़ के किसानों के विकास और आय बढ़ाने के लिए पिछली भूपेश बघेल सरकार में चिराग परियोजना की शुरुआत हुई थी। इस योजना के माध्यम से किसानों को कृषि में कई तरह से लाभ और अनुदान, आर्थिक मदद मिलने वाली थी, लेकिन इसका इंप्लीमेंट लक्षित वर्ग में नहीं हो सका। इसका खामियाजा इस योजना को बंद करने का निर्णय लिया गया है।
बता दें कि पिछली कांग्रेस की सरकार में छत्तीसगढ़ समावेशी ग्रामीण एवं त्वरित कृषि विकास (चिराग) परियोजना (CG Chirag Project Closed) का शुभारंभ हुआ था। इसका उद्देश्य और प्रगति पर अब विश्व बैंक ने असंतोष जताया है। इसके बाद इस योजना को बंद करने का ऐलान भी कर दिया है। इसको लेकर विश्व बैंक के भारत में कार्यवाहक निदेशक ने केंद्रीय वित्त मंत्रालय में अतिरिक्त सचिव, छत्तीसगढ़ मुख्य सचिव, कृषि विभाग एसीएस और चिराग परियोजना के डॉयरेक्टर को पत्र पहुंचाया है।
2020 में मिली थी इस परियोजना को मंजूरी
अंतरराष्ट्रीय कृषि विकास कोष (आईएफएडी) व विश्व बैंक ने सह-वित्तपोषित इस परियोजना (CG Chirag Project Closed) को बोर्ड ने 15 दिसंबर, 2020 को मंजूरी प्रदान की थी। इसके बाद बीते चार साल में इस योजना के माध्यम से करीब 1.44 मिलियन अमेरिकी डॉलर (करीब 1 प्रतिशत) का वितरण किया गया। इस योजना का लाभ लक्षित समूह तक नहीं पहुंचाया गया। इससे किसानों को लाभ नहीं मिल पाया।
कई जरूरी चीजें नहीं हो पाई थी पूरी
बता दें कि चिराग परियोजना (CG Chirag Project Closed) के तहत लक्षित समूह तक इसका लाभ नहीं पहुंचाया गया। वर्ष 2022 अक्टूबर में परियोजना विकास, उद्देश्य व कार्यान्वयन की प्रगति की रिपोर्ट अच्छी नहीं थी, इस पर असंतोषजनक का दर्जा मिला। सितंबर 2024 में त्रिपक्षीय पोर्टफोलियो की समीक्षा बैठक हुई। बैठक में सहमति बनी कि परियोजना को पुनर्गठन के लिए उसकी प्रगति में काफी सुधार की जरूरत है। 2024 के अंत तक करीब 30 मिलियन अमेरिकी डॉलर के करीब वितरण की जरूरत है, लेकिन यह टास्क पूरा नहीं हो पाया। इसके चलते प्रस्तावित पुनर्गठन और आंशिक निरस्तीकरण पर परियोजना के क्रियान्वयन को आगे बढ़ाने के लिए सहमति नहीं मिल पाई है।
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किसानों को आय बढ़ाने का था लक्ष्य
चिराग परियोजना (CG Chirag Project Closed) के तहत छत्तीसगढ़ के आदिवासी क्षेत्रों के स्थानीय युवाओं, किसानों को प्रशिक्षण दिया जाकर उनको रोजगार से जोड़ने का उद्देश्य था। इसी के साथ ही उन्हें मछली पालन, उद्यानिकी, पशु-पालन, विशेष प्रजातियों की फसलों का उत्पादन, क्षेत्रीय जलवायु आधारित पौष्टिक खाद्य पदार्थों के उत्पादन वाले कामों से जोड़ा जाना था। युवाओं को मार्केटिंग की ट्रेनिंग, कृषि तकनीकों की शिक्षा भी प्रदान की जाना थी। ताकि वे स्टार्टअप कर सकें।
प्रदेश के इन जिलों में लागू होना थी परियोजना
चिराग परियोजना को छत्तीसगढ़ के ज्यादातर नक्सल प्रभावित व आदिवासी जिलों में लागू किया जाना था। इन जिलों में बस्तर, दंतेवाड़ा, बीजापुर, कांकेर, नारायणपुर, कोंडागांव, सुकमा, बलौदाबाजार, मंगेली, बलरामपुर, कोरिया, जशपुर, सुरजपुर और सरगुजा जिले शामिल हैं।
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