Chhattisgarh (CG) Charan Paduka Yojana Relaunch: छत्तीसगढ़ की आदिवासी जनता के लिए एक बार फिर राहत और सम्मान की खबर सामने आई है। प्रदेश में लंबे अंतराल के बाद चरण पादुका योजना को फिर से शुरू किया जा रहा है। राज्य सरकार के मंत्री केदार कश्यप ने बताया कि जून माह के अंत तक मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के हाथों योजना का विधिवत शुभारंभ किया जाएगा। यह योजना भाजपा सरकार की “मोदी की गारंटी” में शामिल थी, जिसे अब फिर से धरातल पर लाया जा रहा है।
रमन सरकार की योजना को कांग्रेस ने किया था बंद, अब भाजपा ने दी पुनर्जीवन
चरण पादुका योजना की शुरुआत साल 2005 में तत्कालीन मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह की सरकार द्वारा की गई थी। लेकिन कांग्रेस के सत्ता में आने के बाद इस जनकल्याणकारी योजना को बंद कर दिया गया था, जिससे आदिवासी तेंदूपत्ता संग्राहकों को सीधा नुकसान हुआ था। अब एक बार फिर भाजपा के सत्ता में लौटने के बाद इस योजना को बहाल करने का फैसला लिया गया है, जिससे वनवासी समुदाय में उत्साह की लहर है।
क्या है चरण पादुका योजना, और कैसे करती है मदद
चरण पादुका योजना के तहत तेंदूपत्ता एकत्र करने वाले आदिवासी संग्राहकों को हर वर्ष एक जोड़ी जूते या चप्पल मुफ्त में दिए जाते हैं। योजना की शुरुआत में इसका लाभ केवल पुरुषों को मिलता था, लेकिन 2008 में इसे संशोधित कर महिलाओं को भी योजना में शामिल किया गया। यह सुविधा न सिर्फ उनके काम में सहूलियत देती है, बल्कि उनके जीवन स्तर को बेहतर करने का एक महत्वपूर्ण प्रयास भी है।
तेंदूपत्ता संग्राहकों को मिलेगा सीधा लाभ, गरिमा और सहूलियत दोनों
जंगलों में प्रतिकूल परिस्थितियों में काम करने वाले तेंदूपत्ता संग्राहकों के लिए एक मजबूत जूता केवल सुविधा ही नहीं, सुरक्षा और गरिमा का प्रतीक भी है। लंबे समय से बंद इस योजना की बहाली से आदिवासी समुदाय में सरकार के प्रति भरोसा बढ़ेगा और सामाजिक समरसता को मजबूती मिलेगी।
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जनजातीय हितों की दिशा में सशक्त कदम, योजना की वापसी से मिली राहत
चरण पादुका योजना की बहाली को राज्य सरकार का एक सकारात्मक और संवेदनशील निर्णय माना जा रहा है। इससे यह स्पष्ट होता है कि भाजपा सरकार अपने चुनावी वादों के प्रति गंभीर है और राज्य के वनवासी समुदाय की जरूरतों को प्राथमिकता देती है। तेंदूपत्ता संग्राहकों के लिए यह सिर्फ एक योजना नहीं, बल्कि सम्मान, सहूलियत और स्थायी सहयोग का प्रतीक है।
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