हाइलाइट्स
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कांग्रेस में भारी बवाल देखने को मिल रहा
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पार्टी उम्मीदवारों के खिलाफ नेता खोल रहे मोर्चा
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भूपेश बघेल के खिलाफ सुरेंद्र दाऊ और रामकुमार शुक्ला
Chhattisgarh: छत्तीसगढ़ के कांग्रेसी कुनबे की कलह 24 के लोकसभा चुनाव से पहले फिर सुर्खियां बटोर रही है. पार्टी उम्मीदवारों के खिलाफ नेता मोर्चा खोल रहे हैं. कहीं बयानों के तीर प्रत्याशी की लड़ाई को कमजोर कर रहे हैं. तो कहीं लेटर बम तैयारियों पर पानी फेर रहे हैं. कुल मिलाकर लिस्ट जारी होने के बाद कांग्रेस में भारी बवाल देखने को मिल रहा है.
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राजनांदगांव से भूपेश बघेल के खिलाफ सुरेंद्र दाऊ और रामकुमार शुक्ला हैं. वहीं बस्तर में कवासी लखमा का विरोध हो रहा है. कांग्रेस नेता ने खड़गे को पत्र लिखा है. तो वहीं बिलासपुर में देवेंद्र यादव के खिलाफ जगदीश कौशिक का आमरण अनशन चालू है. उधर सरगुजा में शशि सिंह के विरोध में कई कांग्रेसी इस्तीफा देने को तैयार हैं.
लोग विरोध करते हैं तो यह स्वाभाविक है: शुक्ला
ये छत्तीसगढ़ में कांग्रेसी कुनबे की कलह दिखाने के लिए काफी हैं. पहले प्रत्याशी तय होने में देरी और उसके बाद उम्मीदवारों का विरोध. कांग्रेस में सबकुछ सही न होने का स्पष्ट संकेत दे रहा है. लेकिन कांग्रेस है कि मानने को तैयार ही नहीं.
कांग्रेस संचार प्रमुख सुशील आनंद शुक्ला ने कहा कि कहीं एक दो जगह प्रत्याशी के ऐलान के बाद विरोध हुआ. जो चयन के बाद होता है. किसी भी क्षेत्र से 5, 6 उम्मीदवार होते हैं, अगर उनमें से किसी एक का चयन होता है और लोग विरोध करते हैं , तो यह स्वाभाविक है. इससे थोड़ी बहुत पीड़ा होती है, लेकिन मना लिया जाएगा इसमें कोई दिक्कत नहीं है. साथ ही कहा कि बीजेपी में विरोध के ज्यादा स्वर दिख रहे हैं.
कांग्रेस की नैया तो डूबेगी: बृजमोहन अग्रवाल
कांग्रेस की अंतर्कलह बीजेपी को बैठे बैठाए मुद्दा दे रही है. बीजेपी कांग्रेस की आपसी खींचतान पर तंज कस रही है. कैबिनेट मंत्री बृजमोहन अग्रवाल ने तो कांग्रेस को डूबता जहाज तक करार दे दिया.
उन्होंने कहा कि कांग्रेस डूबती हुई नांव है. दुर्ग से जो विधायक होते हैं, उनको भेज देते हैं राजनांदगांव जो दुर्ग से चुनाव लड़ते हैं, उनको भेज देते हैं महासमुंद, जो भीलाई से चुनाव लड़ते हैं, उनको भेज देते हैं बिलासपुर. कांग्रेस को अब ढूंढने से भी प्रत्याशी नहीं मिल रहे हैं. इसके कारण अब यह तय है कि कांग्रेस की नैया तो डूबेगी ही और उसके कार्यकर्ताओं की नैया भी डूब जाएगी.
अंतर्कलह कांग्रेस का वो काला सच है जिसे जानते तो सभी नेता हैं पर खुलकर स्वीकार नहीं कर पाते. विधानसभा चुनाव (Chhattisgarh) के बाद कुनबे में कलह का तांडव खूब देखने को मिला. अब 24 के रण से पहले पार्टी के उम्मीदवारों का विरोध एक बार फिर कांग्रेस की कलई खोल रहा है. अगर पार्टी के हालात जल्द नहीं सुधरे तो 24 की चुनौती कांग्रेस के लिए दूर की कौड़ी साबित हो सकती है.
सुरेंद्र दाऊ ने भूपेश बघेल के सामने मंच पर सुनाई थी खरी खोटी
राजनांदगांव में कार्यकर्ता सम्मेलन में पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के सामने ही सुरेंद्र दाऊ ने मंच से पिछली सरकार को खूब-खरी खोटी सुनाई थी. दाऊ ने कहा था कि 5 साल तक सरकार (Chhattisgarh) हमारी रही, लेकिन सबसे ज्यादा हम ही प्रताड़ित रहे. सीएम से मिलना तक मुश्किल हुआ करता था. तब कार्यकर्ताओं की जरूरत नहीं थी, अब कार्यकर्ताओं की याद आई है.
वैष्णव पार्टी का अहित कर रहे: बघेल
उस समय सुरेंद्र दास वैष्णव को लेकर भूपेश बघेल ने अपना पक्ष रखा था. उन्होंने कहा था कि सुरेंद्र दास वैष्णव को कई बार मौका दिया लेकिन वो लगातार पार्टी का अहित कर रहे हैं. उनकी नियत कांग्रेस को मजबूत करने की नहीं है. वह आरोप लगाकर कांग्रेस पार्टी को बदनाम कर रहे हैं.
हम सबसे बात कर रहे हैं: सचिन पायलट
पार्टी के इस अंतर्कलह को लेकर प्रदेश (Chhattisgarh News) कांग्रेस प्रभारी सचिन पायलट (Sachin Pilot) ने कहा कि जिसे टिकट नहीं मिलती है उसके अंदर पीड़ा रहती है. हम सबसे बात कर रहे हैं, सबको साथ लेकर चलेंगे. साथ ही उन्होंने कहा कि कांग्रेस पूरी मजबूती के साथ चुनाव लड़ रही है. अगर किसी ने कोई बात बोली है तो उसका मैं संज्ञान लूंगा और कार्रवाई की जाएगी. बता दें कि पायलट ने सभी नाराज नेताओं को मनाने के लिए टीम भी भेजने की योजना बनाई थी.
विजय साहू ने दिया था कांग्रेस से इस्तीफा
दुर्ग जिले से कांग्रेस नेता विजय साहू ने पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से कुछ दिनों पहले इस्तीफा दे दिया था. विजय साहू कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और क्रेडा सदस्य, साथ ही युवा मितान क्लब के संभाग संयोजन और दुर्ग ग्रामीण के पूर्व जिला महामंत्री रह चुके हैं. उनके इस्तीफे से पार्टी को झटका लगा है. विजय साहू ने पीसीसी चीफ (Chhattisgarh) दीपक बैज को इस्तीफा भेजते हुए अपने पत्र में लिखा था कि दिल्ली से लेकर छत्तीसगढ़ तक पार्टी अपने उद्देश्यों से भटक चुकी है. पार्टी के वरिष्ठ नेता कार्यकर्ताओं का शोषण कर रहे हैं.
जगदलपुर मेयर सफीरा साहू बीजेपी में हुईं शामिल
बस्तर लोकसभा सीट से बीजेपी प्रत्याशी महेश कश्यप ने बुधवार को अपना नामांकन भरा था. इससे पहले शहर के मिशन ग्राउंड में चुनावी सभा का आयोजन हुआ था. जिसमें सीएम विष्णु देव साय की मौजूदगी में महापौर सफीरा साहू लगभग 2500 कार्यकर्ताओं और 6 पार्षदों के साथ बीजेपी में शामिल हो गई थीं.