CG Cabinet Expansion: छत्तीसगढ़ की सियासत में बड़ा फेरबदल तय माना जा रहा है। मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय (Vishnu Deo Sai) के नेतृत्व वाली सरकार में कैबिनेट विस्तार (Cabinet Expansion) को लेकर बड़ी जानकारी सामने आई है।
विश्वसनीय सूत्रों के हवाले से पता चला है कि 14 या 15 जून को चार नए विधायक मंत्री पद की शपथ (Oath Taking Ceremony) ले सकते हैं। इसके साथ ही दो मौजूदा मंत्रियों को बाहर का रास्ता भी दिखाया जा सकता है।
इन नेताओं को मिल सकती है मंत्रिपद की जिम्मेदारी
सूत्रों के अनुसार लता उसेंडी (Lata Usendi) और अमर अग्रवाल (Amar Agrawal) को मंत्रिपद की शपथ दिलाई जा सकती है। इसके अलावा गजेंद्र यादव (Gajendra Yadav) और पुरंदर मिश्रा (Purandar Mishra) के नाम भी संभावित मंत्रियों की सूची में शामिल हैं। पार्टी के भीतर क्षेत्रीय और जातीय संतुलन बनाए रखने के लिए इन नामों पर सहमति बनी है।
दो मंत्रियों की छुट्टी तय, नामों पर सस्पेंस बरकरार
मंत्रिमंडल में बदलाव के तहत दो मौजूदा मंत्रियों को हटाया जाना तय माना जा रहा है, हालांकि उनके नामों का आधिकारिक खुलासा नहीं हुआ है। माना जा रहा है कि उनके कामकाज की समीक्षा और क्षेत्रीय समीकरणों को ध्यान में रखते हुए यह फैसला लिया गया है।
साय कैबिनेट में फिलहाल 11 मंत्री
मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय की कैबिनेट में इस समय 11 मंत्री शामिल हैं। इनमें सबसे ज्यादा प्रतिनिधित्व सरगुजा संभाग (Sarguja Division) से है, जबकि रायपुर (Raipur), दुर्ग (Durg) और बस्तर (Bastar) से सिर्फ एक-एक मंत्री हैं। क्षेत्रीय संतुलन बनाए रखने की कोशिशों के तहत अब अन्य संभागों को मौका दिए जाने की संभावना है।
साय सरकार के वर्तमान मंत्रीमंडल की सूची
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विष्णुदेव साय, मुख्यमंत्री (Chief Minister)
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अरुण साव, उप मुख्यमंत्री (Deputy CM)
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विजय शर्मा, उप मुख्यमंत्री
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ओपी चौधरी, वित्त मंत्री (Finance Minister)
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केदार कश्यप, वन मंत्री (Forest Minister)
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दयाल दास बघेल, खाद्य मंत्री (Food Minister)
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टंकराम वर्मा, खेल मंत्री (Sports Minister)
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लखन लाल देवांगन, उद्योग मंत्री (Industry Minister)
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श्याम बिहारी जायसवाल, स्वास्थ्य मंत्री (Health Minister)
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रामविचार नेताम, आदिम जाति कल्याण मंत्री (Tribal Welfare)
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लक्ष्मी रजवाड़े, महिला बाल विकास मंत्री (Women & Child Development)
राजनीतिक संतुलन साधने की कवायद
भाजपा नेतृत्व कैबिनेट के इस विस्तार के जरिए आगामी निकाय चुनावों और संगठन के भीतर असंतोष को शांत करने की रणनीति बना रहा है। महिला, पिछड़ा वर्ग और अनुसूचित जाति समुदायों से नए मंत्रियों के चयन की संभावना है।
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