Advertisment

छत्तीसगढ़ में फिर फूटा लेटर बम: बृजमोहन अग्रवाल ने अपनी ही सरकार को लिखी चिट्ठी, जनहित के मुद्दों पर उठाई आवाज

Chhattisgarh Brijmohan Letter: बृजमोहन अग्रवाल ने मेकाहारा में बंद हार्ट सर्जरी सेवाओं और दिवंगत शिक्षकों के आश्रितों की अनुकंपा नियुक्ति को लेकर अपनी ही सरकार को पत्र लिखा।

author-image
Shashank Kumar
Chhattisgarh Brijmohan Letter

Chhattisgarh Brijmohan Letter

Chhattisgarh Brijmohan Letter: छत्तीसगढ़ की राजनीति में एक बार फिर हलचल मच गई है। रायपुर के वरिष्ठ भाजपा नेता और सांसद बृजमोहन अग्रवाल ने अपनी ही पार्टी की सरकार को दो अलग-अलग अहम मुद्दों पर पत्र लिखकर सवालों के घेरे में खड़ा कर दिया है।

Advertisment

बृजमोहन अग्रवाल ने छत्तीसगढ़ की भाजपा सरकार से मेकाहारा रायपुर के एडवांस कार्डियक इंस्टिट्यूट में बंद पड़ी बायपास और ओपन हार्ट सर्जरी सेवाओं को दोबारा शुरू करने की मांग की है। साथ ही दिवंगत शिक्षकों के आश्रितों को अनुकंपा नियुक्ति देने में हो रही देरी पर भी कड़ी नाराजगी जताई है।

[caption id="attachment_809870" align="alignnone" width="1132"]Chhattisgarh Brijmohan Letter Chhattisgarh Brijmohan Letter[/caption]

"मेकाहारा में हृदय रोगियों के लिए सुविधाएं बहाल करें" - सांसद की सीधी अपील

Advertisment

अपने पत्र (Chhattisgarh Brijmohan Letter) में सांसद अग्रवाल ने मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय और स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल को संबोधित करते हुए लिखा कि, “यह अत्यंत दुखद है कि लगातार प्रयासों और बैठकों के बावजूद छत्तीसगढ़ के इस एकमात्र शासकीय हृदय संस्थान में जटिल सर्जरी सेवाएं बंद हैं। इससे गरीब मरीज निजी अस्पतालों के शोषण का शिकार हो रहे हैं।” उन्होंने सरकार से मांग की है कि तुरंत उच्चस्तरीय बैठक बुलाकर सेवाएं पुनः बहाल की जाएं, ताकि आमजन को राहत मिल सके।

उन्होंने यह भी बताया कि पूर्व में भी इस गंभीर मुद्दे को कई मंचों पर उठाया गया, परंतु प्रशासनिक उपेक्षा के कारण हजारों मरीज केवल तारीखों का इंतजार कर रहे हैं और कई की जान चली गई।

शिक्षकों के आश्रितों को नौकरी के लिए दर-दर भटकना पड़ रहा – अग्रवाल

सांसद बृजमोहन अग्रवाल ने दूसरी चिट्ठी में राज्य के दिवंगत शिक्षकों के 1242 आश्रित परिजनों को अब तक अनुकंपा नियुक्ति नहीं मिलने पर चिंता जाहिर की है। उन्होंने लिखा कि कांग्रेस सरकार के समय परिजनों ने 307 दिन लंबा आंदोलन किया था और भाजपा ने सत्ता में आने पर इस मांग को पूरा करने का वादा किया था। लेकिन अब तक सिर्फ 27 पात्रों को ही नियुक्ति दी गई है।

Advertisment

अग्रवाल ने अनुरोध किया है कि नियमों में शिथिलता लाकर योग्यता के अनुसार इन परिजनों को तृतीय और चतुर्थ श्रेणी की सरकारी नौकरियां दी जाएं, ताकि वे सम्मानपूर्वक जीवन यापन कर सकें। हाल ही में कई परिजनों ने उनसे मिलकर ज्ञापन सौंपा और अपनी पीड़ा साझा की थी।

बृजमोहन अग्रवाल बने जनता की आवाज

यह पहला मौका नहीं है जब सांसद बृजमोहन अग्रवाल ने अपनी ही सरकार के सामने जनता से जुड़े मुद्दों को उठाया है। इससे पहले वे रायपुर में बढ़ते अपराध, ट्रैफिक की बदहाल व्यवस्था और पुलिस भर्ती की कमी को लेकर भी सरकार को पत्र लिख चुके हैं। उन्होंने स्पष्ट कहा है कि जनहित के मामलों में वे किसी भी कीमत पर चुप नहीं बैठ सकते, चाहे सरकार अपनी ही क्यों न हो।

ये भी पढ़ें:  RTE Admission 2025: आरटीई के तहत नि:शुल्क शिक्षा के लिए पहले चरण की लॉटरी प्रक्रिया पूरी, जानें कब और कैसे होगा अगला चरण

Advertisment

बृजमोहन अग्रवाल की चिट्ठियों से सरकार पर जनदबाव बढ़ा

इन पत्रों (Chhattisgarh Brijmohan Letter) के सार्वजनिक होने के बाद छत्तीसगढ़ की राजनीति में सरगर्मी तेज हो गई है। जहां एक ओर सत्ता पक्ष के लिए यह आंतरिक असंतोष का संकेत माना जा रहा है, वहीं जनता इसे एक जनप्रतिनिधि की संवेदनशीलता और ईमानदारी के रूप में देख रही है। आने वाले दिनों में इन मांगों पर सरकार की प्रतिक्रिया क्या होगी, इस पर पूरे प्रदेश की नजरें टिकी हुई हैं।

ये भी पढ़ें:  CG News: छत्तीसगढ़ शराब घोटाले में सुप्रीम कोर्ट ने ED को लगाई फटकार, कहा- 'बिना सबूत के आरोप लगाने का नया पैटर्न बनाया'

Brijmohan Agarwal News Chhattisgarh Letter Bomb Mekahara Raipur Surgery Anukampa Niyukti CG Vishnu Deo Sai Latest News Chhattisgarh BJP Internal Dispute CG Politics 2025 रायपुर हार्ट हॉस्पिटल सर्जरी दिवंगत शिक्षक नियुक्ति छत्तीसगढ़ बृजमोहन अग्रवाल चिट्ठी विवाद Chhattisgarh Brijmohan Letter
Advertisment
WhatsApp Icon चैनल से जुड़ें