CG Bharatmala Project Scam: छत्तीसगढ़ की महत्वाकांक्षी भारतमाला परियोजना (Bharatmala Project) में बड़े स्तर पर भ्रष्टाचार सामने आने के बाद अब इस घोटाले की जांच पूरे राज्य में तेज़ कर दी गई है। राजस्व विभाग के सचिव अविनाश चंपावत (Avinash Champawat) ने राज्य के 11 जिलों के कलेक्टरों को मुआवजा घोटाले की जांच कर रिपोर्ट सौंपने के निर्देश दिए हैं।
जिन जिलों में जांच शुरू की गई है उनमें रायपुर (Raipur), दुर्ग (Durg), धमतरी (Dhamtari), कांकेर (Kanker), कोंडागांव (Kondagaon), कोरबा (Korba), रायगढ़ (Raigarh), जशपुर (Jashpur), राजनांदगांव (Rajnandgaon), बिलासपुर (Bilaspur) और जांजगीर-चांपा (Janjgir-Champa) शामिल हैं।
फर्जी दस्तावेज़ बनवाकर करोड़ों की मुआवजा राशि हड़पी
ईओडब्ल्यू (Economic Offences Wing – EOW) को इस मामले में पहले की गई प्रारंभिक जांच की रिपोर्ट मिल गई है, जिसमें बताया गया है कि कुछ सरकारी अफसरों, भू-माफियाओं और प्रभावशाली लोगों ने आपसी मिलीभगत से फर्जी दस्तावेज़ बनवाकर करोड़ों की मुआवजा राशि हड़प ली।
शुरुआती जांच में जहां 43 करोड़ रुपये की अनियमितता की बात सामने आई थी, वहीं अब जांच एजेंसियों को 220 करोड़ से अधिक के भ्रष्टाचार की आशंका है। अब तक 164 करोड़ के संदिग्ध लेन-देन की जानकारी जांच एजेंसी को मिल चुकी है।
चरणदास महंत ने पीएम मोदी और केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी को लिखा पत्र
नेता प्रतिपक्ष चरणदास महंत (Charan Das Mahant) ने इस घोटाले को लेकर प्रधानमंत्री कार्यालय (PMO) और केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी (Nitin Gadkari) को पत्र लिखकर CBI जांच की मांग की है। उन्होंने यह मुद्दा विधानसभा बजट सत्र 2025 में भी प्रमुखता से उठाया था।
क्या है भारतमाला परियोजना घोटाला?
भारत सरकार की महत्वाकांक्षी भारतमाला परियोजना के तहत छत्तीसगढ़ से विशाखापत्तनम तक 950 किलोमीटर लंबा फोरलेन और सिक्स लेन सड़क निर्माण किया जा रहा है। इसके लिए राज्य में किसानों से बड़ी मात्रा में जमीन अधिग्रहित की गई है।
2013 के भूमि अधिग्रहण कानून (Land Acquisition Act) के तहत अगर किसी किसान की 5 लाख की जमीन ली जाती है तो उसे 5 लाख का मूल्य और 5 लाख का सोलेशियम (Solatium) यानी कुल 10 लाख रुपये मिलते हैं।
यह मुआवजा अधिकतम 4 गुना तक भी जा सकता है। लेकिन इसी प्रक्रिया में घोटाला हुआ, और कुछ लोगों को फर्जी दस्तावेज़ों के आधार पर करोड़ों की राशि दे दी गई, जबकि असली हितग्राहियों को आज भी मुआवजे का इंतजार है।
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