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Chhattisgarh Assembly Budget Session Proceedings : बेरोजगारी और आबकारी का मुद्दा गूंजा, पीएम आवास-लाठीचार्ज पर भी बहस

Chhattisgarh Assembly Budget Session Proceedings : बेरोजगारी और आबकारी का मुद्दा गूंजा, पीएम आवास-लाठीचार्ज पर भी बहस,

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Bansal News
Chhattisgarh Assembly Budget Session Proceedings : बेरोजगारी और आबकारी का मुद्दा गूंजा, पीएम आवास-लाठीचार्ज पर भी बहस

Chhattisgarh Assembly Budget Session Proceedings रायपुर। छत्तीसगढ़ में विधानसभा के बजट सत्र की कार्यवाही का गुरुवार को 10 वां दिन रहा। इस दौरान बुधवार को प्रधानमंत्री आवास योजना के साथ ही बीजेपी द्वारा आवास योजना पर किए गए विधानसभा घेराव पर आंसू गैस के गोले छोड़े जाने के साथ ही लाठीचार्ज का मुद्दा भी गर्माया। इसके साथ ही राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन में प्राप्ति और खर्च, प्रदेश में रोजगार और पंजीकृत बेराजगारी का मुद्दा, वित्तीय वर्ष 2023-24 की अनुदान मांग जैसे मुद्दों पर चर्चा हुई।

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- विधानसभा के प्रश्नकाल के दौरान नेता प्रतिपक्ष नारायण चंदेल ने राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन में प्राप्ति और खर्च का मामला उठाया। चंदेल ने कहा कि महासमुंद में अनियमितता का मामला सामने आया है, जांच कराएंगे क्या? इसपर स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव ने कहा कि - जांच कराएंगे।

- भाजपा विधायक सौरभ सिंह ने कहा कि बर्न के मामले में कोई राशि पिछले 2 साल में खर्च नहीं हुई है। इसपर पर मंत्री टीएस सिंहदेव ने कहा कि- विधायक बता दें कि किसी बर्न को इलाज नहीं मिला हो तो दिखवाते हैं। बता दें प्रश्नकाल का 11.15 से 11.30 का था।

- कांग्रेस विधायक गुलाब कमरों ने आबकारी विभाग के पंजीकृत क्लब के विरुद्ध प्राप्त शिकायत का मामला उठाया। कहा कि मनेन्द्रगढ़-चिरमिरी-भरतपुर में कितने क्लब संचालित हैं। संचालित क्लब के विरुद्ध शिकायत प्राप्त हुई है, उनके ऊपर क्या कार्यवाही की गई। मंत्री कवासी लखमा ने जवाब देते हुए कहा कि सिर्फ एक क्लब संचालित है। क्लब के विरुद्ध 3 शिकायतें प्राप्त हुईं हैं। शिकायतों की जांच किए जाने पर शिकायतों की पुष्टि नहीं हुई। एक शिकायत सही पाई गई। आबकारी नियमों के तहत विधिवत विभागीय प्रकरण दर्ज करते हुए कारण बताओ सूचना पत्र जारी किया गया है।

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पक्ष विपक्ष के बीच तीखी बहस

विधायक गुलाब कमरों ने इसर कहा कि उस बार को बंद कराया जाए। मंत्री कवासी लखमा ने जवाब दिया कि- जांच कराएंगे गलत पाए जाने पर कार्रवाई की जाएगी। बीजेपी विधायक शिवरतन शर्मा ने कहा कि उस क्लब के खिलाफ क्या शिकायत हुई है, स्पष्ट करें। सत्ता पक्ष के सदस्यों ने कहा कि जिसका ये क्लब है उसके यहां बीजेपी के बड़े नेता चाय पीने जाते हैं। इस बात को लेकर पक्ष विपक्ष के बीच तीखी बहस हुई।

कांग्रेस ने बीजेपी से प्रधानमंत्री आवास को लेकर पूछे 10 सवाल

कांग्रेस ने कहा है कि प्रधानमंत्री आवास को लेकर भाजपा द्वारा भ्रम फैलाया जा रहा है। झूठ का पर्दाफाश करने के लिए कांग्रेस ने भाजपा से 10 सवाल पूछे हैं।

1. भाजपा बताए 16 लाख पीएम आवास की हितग्राही के आंकड़े कहां से आये?
2. 2011 के बाद से देश में आम जनगणना नहीं हुई है। भाजपाई बतायें कि जनगणना और छत्तीसगढ़ में आगामी 1 अप्रैल 2023 से शुरू हो रहे सर्वे के पक्ष में है या खिलाफ?
3. जब भाजपा 2011 एवं 2016 की सर्वे सूची में 16 लाख हितग्राही का दावा कर रही है तो फिर रमन सरकार के दौरान शहरी एवं ग्रामीण मिलाकर मात्र 2 लाख 56 हजार मकान ही क्यों बनाए थे?
4. राज्यांश 800 करोड़ जमा कराने के बाद जब केंद्र सरकार ने पीएम आवास का आबंटन रद्द किया तो भाजपा के नेता मौन क्यों थे?
5. भाजपा यदि दावा कर रही 7 लाख हितग्राहियों के आवेदन उसने एकत्रित किया है तो उक्त आवेदन को राज्य सरकार को कब देंगे? और उक्त आवेदन को केंद्र में स्वीकृत करवाकर केंद्रांश की 60 प्रतिशत राशि के लिये पहल कब करेंगे?
6. रमन सिंह ने अपने अंतिम बजट अभिभाषण 2018-19 में कुल 2 लाख 37 हजार आवास बनाने का दावा किया था। अब भाजपाई रमन राज में 7 लाख, 8 लाख, 10 लाख मकान (अलग-अलग) बनाने का तथ्यहीन दावा कर रहे है। भाजपाई बतायें विधानसभा में रमन सिंह ने झूठ बोला था या अब भाजपाई झूठ बोल रहे है?
7. ग्रामीण और शहरी पीएम आवास को मिलाकर विगत 4 वर्षो में 13 लाख आवास बने जो रमन राज के 2 लाख 37 हजार की तुलना में 6 गुना अधिक है। फिर भी विरोध की नौटंकी क्यों? भाजपा जवाब दें।
8. रमन राज में पीएम शहरी आवास केवल 19,042 बने जो वर्तमान सरकार की तुलना में 5 गुना कम है इसके जिम्मेदार कौन है?
9. रमन सिंह के समय पीएम आवास के राज्यांश व्यय वर्तमान सरकार की तुलना में आधे से भी कम है इसके लिये रमन सिंह और उनके पूर्व मंत्री कब माफी मांगेंगे?
10. मोदी सरकार देश भर में प्रधानमंत्री आवास के कोटे में कटौती कर रही भाजपा बतायें वह प्रधानमंत्री आवास का विरोध करने कब जा रही है?

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प्रदेश में रोजगार और पंजीकृत बेराजगारी का मुद्दा गूंगा

विधानसभा की कार्यवाही के दौरान प्रदेश में रोजगार और पंजीकृत बेराजगारी का मुद्दा भी गूंजा। बीजेपी विधायक अजय चंद्राकर ने सदन में मुद्दा उठाया। कहा कि प्रदेश में 18 लाख 78000 से अधिक बेरोजगार पंजीकृत हैं। cmii के आकड़ों को शासकीय मान्यता नहीं है। अजय चंद्राकर ने सवाल किया कि जब संस्था को मान्यता नहीं है तो उस संस्था के आकड़ों पर विज्ञापन क्यों दिया गया। अजय चंद्राकर ने कहा कि cmii को 2 करोड़ का विज्ञापन देने का आरोप है।

इस दौरान विधानसभा अध्यक्ष चरण दास महंत को भी हस्तक्षेप करना पड़ा। रोजगार के मसले को विधानसभा अध्यक्ष ने भी गंभीर बताया। मंत्री उमेश पटेल ने बेरोजगारों के आंकड़े बताना संभव नही होने की बात कही। इस बीच सदन में बेरोजगारी के आकड़ों को लेकर हंगामा हुआ। सीएम भूपेश बघेल ने कहा कि बेरोजगारी सर्वे की बात हो या आवास की लेकर जनगणना की बात हो भारत सरकार सर्वे अगर करती है तो हमको हेडकाउंट की जरूरत पड़ती क्या? शिव रत्न शर्मा ने कहा कि cmii की रिपोर्ट प्रायोजित सर्वे है। मंत्री के जवाब से असंतुष्ट हो कर विपक्ष ने वॉक आउट किया।

क्या आवास मांगना अब अपराध हो गया

पीएम आवास के घेराव के दौरान बीजेपी कार्यकर्ताओं के ऊपर आंसू गैस वाटर कैन छोड़ने का मामला भी खूब गूंजा बीजेपी ने स्थगन लाकर चर्चा कराए जाने की मांग की। रमन सिंह ने कहा कल घेराव के दौरान हमारे कार्यकर्ताओ के ऊपर आंसू गैस के गोले फेंके गए। वाटर कैन का उपयोग किया गया। क्या आवास मांगना अब अपराध हो गया है। आवास के कारण सरकार के एक मंत्री को इस्तीफा देना पड़ गया।

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नेता प्रतिपक्ष नारायण चंदेल ने कहा कि हमारे कार्यकर्ताओं पर लाठीचार्ज किया गया। महिलाओं के ऊपर आंसू गैस छोड़े गए। इसमें स्थगन लाकर हम चर्चा की मांग करते हैं। इस दौरान विधानसभा उपाध्यक्ष ने स्थगन को नामंजूर कर दिया पक्ष और विपक्ष के बीच तीखी बहस होती रही। हंगामे के बीच सदन की कार्यवाही 5 मिनट के लिए स्थगित की गी।

अनुदान मांगों पर चर्चा

सदन में वित्तीय वर्ष 2023-24 की अनुदान मांगों पर भी चर्चा की गई। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के विभागों से संबंधित चर्चा शुरू हुई। बीजेपी विधायक अजय चंद्राकर ने कहा कि सदन के नेता को हम इंस्टिट्यूशन मानते हैं और सोचते हैं प्रदेश बेहतर स्थिति की ओर जायेगा। अकबर के नौ रत्न और शिवाजी के अष्टप्रधान मंडल की तरह हमारी सरकार है। 82 हजार करोड़ और 20 हजार करोड़ के कर्ज को जोड़ दें तो बजट के साइज का होगा।

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