Ajit Jogi Statue Controversy: छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) के पेंड्रारोड (Pendra Road) इलाके में स्वर्गीय अजीत जोगी (Ajit Jogi) की प्रतिमा हटाए जाने को लेकर विवाद थमता नजर नहीं आ रहा है। पूर्व मुख्यमंत्री की प्रतिमा को रात के अंधेरे में हटाए जाने के बाद जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ (JCCJ) के नेता और उनके पुत्र अमित जोगी (Amit Jogi) ने मोर्चा खोल दिया है।
उन्होंने दो टूक लहजे में कहा, “या तो मेरी अर्थी उठेगी या मेरे पिता की प्रतिमा फिर उसी जगह पर स्थापित होगी।” यह बयान राजनीतिक गलियारों में हलचल का कारण बन गया है।
अमित जोगी का आरोप- यह कार्य राजनीतिक इशारे पर हुआ
अमित जोगी का कहना है कि जिस जगह से प्रतिमा हटाई गई, वह निजी ज़मीन है और वहां नगरपालिका (Municipality) या राज्य शासन (State Government) का कोई अधिकार नहीं बनता। उन्होंने इसे योजनाबद्ध साजिश बताया और आरोप लगाया कि यह कार्य किसी राजनीतिक दबाव में किया गया है।
उन्होंने उपमुख्यमंत्री से मुलाकात कर उचित कार्रवाई की मांग की है। उनका कहना है कि जिस तरह से प्रतिमा चोरी हुई, उसी तरह उसे उसी स्थान पर वापस भी लगाया जाए।
प्रशासन और जोगी समर्थकों में टकराव
घटना स्थल पर SDM पेंड्रारोड ऋचा चंद्रकार (SDM Richa Chandrakar), CEO सुरेंद्र वैद्य (CEO Surendra Vaidya) और अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक ओम चंदेल (ASP Om Chandel) के साथ भारी पुलिस बल मौजूद है। जोगी समर्थकों और अधिकारियों के बीच तीखी बहस हो रही है। स्थिति तनावपूर्ण बनी हुई है।
धरने पर बैठे जोगी समर्थकों का कहना है कि जब सीसीटीवी (CCTV) फुटेज में मूर्ति हटाने वाले लोग साफ नजर आ रहे हैं, तब भी अब तक किसी को गिरफ्तार नहीं किया गया, जो बेहद शर्मनाक है। वे मूर्ति को उसी स्थान पर पुनः लगाने की मांग पर अड़े हुए हैं।
दोषियों पर होगी कार्रवाई: सीएम
इस बीच मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय (CM Vishnu Deo Sai) ने बयान जारी कर कहा है कि रेणु जोगी (Renu Jogi) ने उनसे मुलाकात की थी और उन्होंने प्रशासन से पूरे मामले की रिपोर्ट मांगी है। रिपोर्ट के आधार पर उचित कार्रवाई की जाएगी।
मूर्ति हटाने का CCTV फुटेज आया सामने
ज्योतिपुर चौक (Jyotipur Chowk) पर लगे कैमरे में रात करीब 2 बजे की घटना रिकॉर्ड हुई है, जिसमें एक बड़ा वाहन मूर्ति को ले जाता नजर आ रहा है। इस दौरान आस-पास कोई व्यक्ति नहीं दिखता, जिससे संदेह और गहराता है कि यह कार्य पहले से योजना बनाकर किया गया था।
मूर्ति स्थापना को लेकर नियमों का हवाला
प्रशासन का कहना है कि प्रतिमा बिना जरूरी कानूनी प्रक्रिया के स्थापित नहीं की जा सकती। वहीं जोगी समर्थकों का कहना है कि मामला भावनाओं से जुड़ा है और नियमों से ऊपर श्रद्धा है। इसी को लेकर टकराव लगातार बढ़ रहा है।
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