CG Advocate Council Election 2025: छत्तीसगढ़ में करीब एक दशक बाद राज्य अधिवक्ता परिषद (Advocate Council) का चुनाव होने जा रहा है, लेकिन इसकी तारीख ने प्रदेशभर के अधिवक्ताओं को नाराज़ कर दिया है।
30 सितंबर को दुर्गा अष्टमी (Durga Ashtami) का पर्व पड़ रहा है, जो हिंदू समाज के लिए विशेष धार्मिक महत्व रखता है। ऐसे में इस दिन चुनाव कराए जाने के फैसले को लेकर प्रदेश के वकील खुलकर विरोध कर रहे हैं।
मुख्य न्यायाधीश को सौंपा गया ज्ञापन
आज वरिष्ठ अधिवक्ता भरत लोनिया (Bharat Lonia) के नेतृत्व में अधिवक्ताओं के एक प्रतिनिधिमंडल ने छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय (Chhattisgarh High Court) के मुख्य न्यायाधीश, राज्य अधिवक्ता परिषद निर्वाचन समिति (Advocate Council Election Committee) और महाधिवक्ता (Advocate General) को ज्ञापन सौंपा।
इसमें साफ तौर पर कहा गया है कि दुर्गा अष्टमी के दिन मतदान से अधिवक्ताओं को धार्मिक और पारिवारिक जिम्मेदारियों के चलते परेशानी होगी।
महिलाओं और परिवारिक अधिवक्ताओं पर पड़ेगा असर
ज्ञापन में अधिवक्ताओं ने यह भी तर्क दिया कि दुर्गा अष्टमी के दिन अधिकतर महिला अधिवक्ता (Women Advocates) और परिवारिक जिम्मेदारी निभाने वाले अधिवक्ता अपने घरों में पूजा-पाठ और पारिवारिक आयोजनों में व्यस्त रहते हैं।
ऐसे में वे मतदान केंद्रों तक पहुंच नहीं पाएंगे, जिससे मतदान प्रतिशत (Voting Percentage) पर भी असर पड़ेगा। वकीलों का कहना है कि चुनाव की तिथि या तो इससे पहले रखी जाए या बाद में किसी उचित दिन निर्धारित की जाए।
लोकतांत्रिक प्रक्रिया पर जताया भरोसा
वकीलों ने इस मौके पर छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश को धन्यवाद भी दिया कि लगभग 10 साल बाद राज्य अधिवक्ता परिषद का चुनाव हो रहा है।
यह न्यायपालिका (Judiciary) की पहल और मार्गदर्शन का ही परिणाम है कि प्रदेश में फिर से लोकतांत्रिक प्रक्रिया (Democratic Process) को मजबूती मिली है।
समर्थन जुटाने की अपील
भरत लोनिया ने प्रदेशभर के अधिवक्ताओं और संगठनों से अपील की है कि वे भी इस मांग के समर्थन में हस्ताक्षरित ज्ञापन (Signed Memorandum) तैयार कर जल्द से जल्द निर्वाचन समिति को सौंपें।
उनका मानना है कि इससे इस मुद्दे को और मजबूती मिलेगी और सभी अधिवक्ताओं को पर्व के दिन किसी भी प्रकार की असुविधा नहीं होगी।
फैसला जल्द लेने की मांग
अधिवक्ताओं ने उम्मीद जताई है कि निर्वाचन समिति (Election Committee) इस संवेदनशील मामले पर शीघ्र निर्णय लेगी, ताकि किसी को भी अपने पारिवारिक और धार्मिक दायित्वों से समझौता न करना पड़े और लोकतांत्रिक प्रक्रिया में सभी सक्रिय भागीदारी कर सकें।