500 Guest Lecturers File Petition: उच्च शिक्षा विभाग ने सरकारी कालेजों में गेस्ट लेक्चरर के पद पर नई नियुक्ति के लिए विज्ञापन जारी किया है। इससे नाराज लगभग 500 गेस्ट लेक्चरर ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले और छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट के आदेश का हवाला देते हुए याचिका दायर की है। याचिका में उन्होंने नई नियुक्ति की प्रक्रिया पर रोक लगाने की मांग की है। सोमवार से हाई कोर्ट के सिंगल बेंच में याचिका की सुनवाई शुरू हुई है।
गेस्ट लेक्चररों ने बड़ी संख्या में दायर की याचिका
मंगलवार को भी इस मामले की सुनवाई जारी रहेगी। उच्च शिक्षा विभाग द्वारा गेस्ट लेक्चरर के पद पर नई नियुक्ति के लिए विज्ञापन जारी किए जाने के बाद, गेस्ट लेक्चररों ने बड़ी संख्या में याचिका दायर की है। सोमवार को जस्टिस सचिन सिंह राजपूत के सिंगल बेंच में याचिका पर सुनवाई हुई। सुनवाई के बाद कोर्ट ने याचिकाकर्ता गेस्ट लेक्चरर की नियुक्ति को हाई कोर्ट के निर्णय से बाधित रखा है, यानी कि नई नियुक्ति की प्रक्रिया पर रोक लगा दी है।
सुप्रीम कोर्ट के गाइडलाइन का दिया हवाला
उच्च शिक्षा विभाग ने प्रदेश के विभिन्न शासकीय महाविद्यालयों में पदस्थ अतिथि व्याख्याताओं के स्थान पर नई नियुक्ति के लिए विज्ञापन जारी किया था। इसके विरुद्ध अतिथि व्याख्याताओं ने रिट याचिका दायर की थी। हाई कोर्ट ने सुप्रीम कोर्ट के गाइडलाइन का हवाला देते हुए याचिकाकर्ता के पद के विरुद्ध जारी विज्ञापन पर रोक लगा दी थी।
सुप्रीम कोर्ट के गाइडलाइन में संविदा के बदले संविदा या अतिथि व्याख्याता के बदले अतिथि व्याख्याता नहीं रखने के संबंध में आदेश जारी किया गया था। वर्ष 2022-23 में अतिथि व्याख्याताओं ने अपने पद की सुरक्षा के लिए हाई कोर्ट में याचिका दायर की थी। कोर्ट ने राज्य शासन को अतिथि व्याख्याताओं की नियुक्ति के लिए पॉलिसी बनाने का निर्देश दिया था।
प्रदेश सरकार ने बनाई नई पालिसी
कोर्ट के निर्देश के बाद, राज्य शासन ने नई पालिसी बनाई और इसके तहत अतिथि व्याख्याताओं के स्थान पर नई नियुक्ति के लिए विज्ञापन जारी किया गया है। यह विज्ञापन उन अतिथि व्याख्याताओं के लिए जारी किया गया है जो वर्ष 2023-24 तक अपने पूर्व के महाविद्यालयों में अध्ययन अध्यापन का कार्य कर रहे हैं।
हाई कोर्ट के स्थगन आदेश के बाद से कालेजों में नौकरी कर रहे गेस्ट लेक्चररों ने शासन द्वारा जारी विज्ञापन का विरोध करते हुए हाई कोर्ट में याचिका दायर की है। याचिका में नए विज्ञापन पर रोक लगाने की मांग की गई है। याचिका दायर करने वाले गेस्ट लेक्चररों को पहले हाई कोर्ट से राहत मिली थी और कोर्ट के स्टे आर्डर के आधार पर वे कालेजों में अपनी सेवाएं दे रहे थे।
इन पर नई पालिसी नहीं होगी लागू
याचिकाकर्ताओं की ओर से अधिवक्ता सिद्दीकी ने छत्तीसगढ़ शासन की पालिसी की कंडिका 13.2 का हवाला देते हुए कहा कि जिन गेस्ट लेक्चररों के मामले में कोर्ट ने पूर्व में स्थगन आदेश जारी किया है, उन पर नई पालिसी लागू नहीं होगी। कोर्ट ने मामले की सुनवाई के बाद याचिकाकर्ता गेस्ट लेक्चरर की नियुक्ति को हाई कोर्ट के आदेश से बाधित रखा है।
याचिका दायर करने वाले गेस्ट लेक्चररों में मतीन सिद्दीकी, अजय श्रीवास्तव, गोविंद देवांगन, विकास दुबे, प्रसून अग्रवाल, फैजल अख्तर और अन्य शामिल हैं।
यह भी पढ़ें: बिलासपुर हाईकोर्ट में पैरवी करने पहुंचे पी. चिदंबरम: जानें किसके वकील बनकर आए थे पूर्व केंद्रीय वित्तमंत्री?