रायपुर। छत्तीसगढ़ में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की छापेमारी के बाद गिरफ्तार भारतीय प्रशासनिक सेवा के अधिकारी समीर विश्नोई और अन्य दो लोगों को विशेष अदालत ने बृहस्पतिवार को आठ दिन के लिए ईडी की हिरासत में भेज दिया। अधिवक्ताओं ने यह जानकारी दी। अधिवक्ताओं ने बताया कि ईडी के अधिकारियों ने बृहस्पतिवार दोपहर बाद गिरफ्तार आईएएस अधिकारी समीर विश्नोई, इंदरमणि समूह के कारोबारी सुनील अग्रवाल और फरार कारोबारी सूर्यकांत तिवारी के चाचा लक्ष्मीकांत तिवारी को चतुर्थ अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश अजय सिंह राजपूत की अदालत में पेश किया, जहां से इन्हें आठ दिन की ईडी रिमांड में भेज दिया गया।
लक्ष्मीकांत तिवारी के अधिवक्ता फैजल रिजवी ने बताया कि ईडी ने अदालत से तीनों आरोपियों को 14 दिन की रिमांड में भेजने का अनुरोध किया था, जिसका बचाव पक्ष के अधिवक्ताओं ने विरोध किया। रिजवी ने बताया कि ईडी ने अदालत में अभी तक की गई कार्रवाई की जानकारी दी। अधिवक्ता ने बताया कि उन्होंने (रिजवी) दलील दी कि ईडी ने अदालत में जो मामला पेश किया है वह धन शोधन से संबंधित है, लेकिन जो पैसे बरामद किए गए हैं, वह आयकर विभाग ने बरामद किये हैं, जो अनुसूचित अपराध में नहीं आता है।
ईडी ने 11 अक्टूबर से राज्य के रायपुर, रायगढ़, महासमुंद और कोरबा समेत कई शहरों में छापेमारी शुरू की थी। एजेंसी ने बृहस्पतिवार को आईएएस अधिकारी विश्नोई, अग्रवाल और लक्ष्मीकांत तिवारी को गिरफ्तार कर लिया। सूत्रों के मुताबिक, तीनों को धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) की धाराओं के तहत गिरफ्तार किया गया है। भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस) के 2009 बैच के अधिकारी विश्नोई वर्तमान में छत्तीसगढ़ इंफोटेक प्रमोशन सोसाइटी के सीईओ और इलेक्ट्रॉनिक्स तथा सूचना प्रौद्योगिकी विभाग के विशेष सचिव के रूप में कार्यरत हैं। वहीं, तिवारी पेशे से अधिवक्ता हैं। ईडी के सूत्रों के मुताबिक, एजेंसी ने छत्तीसगढ़ में हालिया छापेमारी के दौरान लगभग चार करोड़ रुपए की नकदी और जेवर बरामद किए हैं।