नई दिल्ली।Chhat Puja 2022 : 28 अक्टूबर से छठ मैया की उपासना का पावन पर्व शुरू हो गया है। sindoor lagane ka karan ऐसे में हर जगह छठ पर्व की धूम मची है। astrology वैसे तो ये पर्व बिहार राज्य में खास तौर पर मनाया जाता है। लेकिन इसे पूरे देश में हर्षोल्लास के साथ मनाया जा रहा है। हर पर्व की एक अलग परंपरा और संस्कृति होती है। जिसे लोग निभाते हैं। ऐसे में आपने भी देखा होगा कि छठ पर्व पर महिलाएं नाक से लेकर मांग तक सिंदूर भरती हैं। पर कभी आपने सोचा है कि आखिर इसके पीछे कारण क्या हैं। यदि नहीं तो चलिए आज हम आपको बताते हैं कि आखिर महिलाएं ऐसा क्यों करती हैं।
इसलिए भरते हैं नाक से मांग तक सिंदूर —
आपको बता दें ऐसा माना जाता है कि मांग में सिंदूर जितना लंबा लगाते हैं तो पति की आयु उतनी लंबी होती है। साथ ही लंबा सिंदूर लगाने से परिवार में सुख शांति बनी रहती है। लंबा सिंदूर परिवार में शुभता का प्रतीक माना जाता है। इसलिए इस दिन लंबा सिंदूर लगाना बेहद खास माना जाता है।
30 अक्टूबर 2022 को होगा पहला अर्घ्य Chhath Puja 2022
आपको बता दें छठ पूजा के तीसरे दिन जब सूर्यास्त होता है तब डूबते हुए सूर्य को अर्घ्य दिया जाता है। व्रत रखने वाली महिलाएं और पुरूष व्रती महिला और पुरुष नदी, तालाब या कुंड में जाकर पानी में खड़े होकर अर्घ्य देती हैं।
ये रहेगा सूर्यास्त का समय:. Chhath Puja 2022
शाम 5ः37 मिनट
31 अक्टूबर 2022 को इतने बजे होगा सुबह का अर्घ्य Chhath Puja 2022
आपको बता दें चौथे दिन व्रती पानी में खड़े होकर उगते सूर्य को अर्घ्य दिया जाता हैण् इसके बाद छठ पूजा का समापन होता हैण् फिर व्रत का पारण किया जाता है।
सूर्योदय समय. सुबह 6ः13 मिनट Chhath Puja 2022
36 घंटे के इस कठिन व्रत की समाप्ति व्रत के पारण के साथ होगी। व्रती महिलाएं और पुरुष पूरा अर्चना के बाद पूरे विधि-विधान के साथ अपना व्रत खोलेंगे।