Cheque Bounce New Rule : उद्योग मंडल PHDCCI ने वित्त मंत्रालय को चेक बाउंस मामले में सख्त कदम उठाने का सुझाव दिया है। उद्योग मंडल ने कहा कि चेक बाउंस होने की स्थिति में बैंक से चेक जारी करने वाले की निकासी पर कुछ दिनों के लिए रोक लगा दी जाए। PHDCCI ने कहा कि सरकार ऐसा कानून लाए, जिसके तहत चेक का भुगतान न होने की तारीख से 90 दिनों के भीतर दोनों पक्षों के बीच मध्यस्थता के जरिए मामला सुलझाया जाए।
पैदा होता है अविश्वास!
पीएचडी चौंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री ने वित्तीय सेवा विभाग के सचिव को हाल ही में लिखे एक पत्र में कहा है कि उद्योग ने चेक बाउंस का मुद्दा उठाया है। PHDCCI के महासचिव ने कहा, “चूंकि भारत सरकार अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देने के लिए व्यापार करने में आसानी पर ध्यान केंद्रित कर रही है, इसलिए चेक बाउंस से संबंधित मुद्दों पर विचार करना बहुत महत्वपूर्ण है। यह खरीदार और विक्रेता के बीच अविश्वास पैदा करता है।
नही होना चाहिए बाउंस हुए चेक का भुगतान
उद्योग निकाय ने यह भी सुझाव दिया कि बैंक को चेक जारीकर्ता के खाते से कोई अन्य भुगतान करने से पहले यदि संभव हो तो बैंकिंग प्रणाली के भीतर बाउंस किए गए चेक को साफ़ करना चाहिए। उन्होंने कहा कि चेक बाउंस का मामला सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यमों के लिए महंगा है क्योंकि वकील इसके लिए मोटी फीस लेते हैं। आंकड़ों के मुताबिक इस समय 33 लाख से ज्यादा चेक बाउंस के मामले कानूनी लड़ाई में फंसे हुए हैं।