नई दिल्ली। Chaturmas 2023: हिन्दू धर्म में चातुर्मास का बड़ा महत्व होता है। इसके चार महीने केवल भगवान के लिए समर्पित होते हैं। माना जाता है कि चातुर्मास काल में भगवान विष्णु (Bhagvan Vishnu) क्षीरसागर में ही विश्राम करते हैं। क्या आप जानते हैं कि इस साल चातुर्मास कब से शुरू हो रहे हैं यदि नहीं तो चलिए हम आपको बताते हैं। इस समय में तीर्थ यात्रा और श्रीमद्भागवत कथा (Shri Bhagwat Katha) सुनने से शुभफल की प्राप्ति होती है
इस दिन से शुरू हो रहे हैं चातुर्मास
पंडित राम गोविंद शास्त्री के अनुसार इस साल चातुर्मास (Chaturmas 2023) की शुरूआत 3 जुलाई से हो रही है। जिनकी समाप्ति 27 नवंबर को होगी। चातुर्मास में किसी भी प्रकार के मुंडन, विवाह आदि शुभ कार्यों का करना वर्जित माना जाता है। इन चार महीनों में केवल भगवान की भक्ति होती है। जगह-जगह भागवत आयोजित की जाती हैं। इस दौरान कोई भी व्रत त्योहार नहीं आते हैं।
गुरू पूर्णिमा से होती है चातुर्मास की शुरूआत
ज्योतिषाचार्यों की मानें तो चातुर्मास (Chaturmas 2023) की शुरूआत हर साल गुरू पूर्णिमा के दिन से ही होती है। साथ ही इसकी समाप्ति कार्तिक की पूर्णिमा पर होती है। हालांकि अलग—अलग मान्यताओं और समाज के अनुसार इसमें परिवर्तन हो जाता है। ये चातुर्मास चार महीने के होते हैं। जिसमें सावन, भादौं, क्वांर और कार्तिक का महीना शामिल होता है। हालांकि इस बार सावन के दो महीने आएंगे।
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ऐसे होती है अधिमास की गणना
ज्योतिषाचार्य पंडित रामगोविंद शास्त्री के अनुसार इस साल अधिमास भी है। अधिमास को अधिकमास और पुरुषोत्तम मास भी कहा जाता है। पुरुषोत्तम मास में केवल धार्मिक कार्य किए जाते हैं। हिन्दू धर्म में अधिमास की गणना सूर्य के आधार की जाती है।
वर्जित रहेंगे ये कार्य
हिन्दू मान्यता के अनुसार चातुर्मास (Chaturmas 2023) में भगवान विष्णु 4 महीने के लिए योग निद्रा में चले जाते हैं। हिंदू मान्यताओं (Hindu Dharm) के अनुसार जब तक भगवान विष्णु योग निद्रा (yog nindra) में चले जाते हैं तो सृष्टि का संचालन शिव शंकर (Lord Shiv) द्वारा किया जाता है। इसलिए इस दौरान चातुर्मास में शुभ कार्य जैसे शादी-विवाह, मुंडन-जनेऊ, गृह-निर्माण, गृह-प्रवेश, नई प्रॉपर्टी खरीदना, नया वाहन खरीदना या फिर कोई नया काम शुरू करने जैसे शुभ कार्य नहीं होते हैं।
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