Chandrayaan-3 Mission: भारत के मिशन चंद्रयान ने रचा इतिहास। इसरो (ISRO) का चंद्रयान 3 का लैंडर विक्रम चंद्रमा की सतह पर उतरा।
चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर सफल लैंडिंग करने वाला भारत दुनिया का पहला देश बन गया है।
ऐसा कर भारत ने इतिहास रच दिया है। लैंडर (विक्रम) और रोवर (प्रज्ञान) ने आज यानि बुधवार को शाम 6 बजकर 04 मिनट पर चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव क्षेत्र के निकट सॉफ्ट लैंडिंग की है।
भारत ने रचा इतिहास
चांद के साउथ पोल पर चंद्रयान-3 की सॉफ्ट लैंडिंग के साथ ही भारत ने अंतरिक्ष में इतिहास रच दिया है। ISRO के मुताबिक तय समय पर ये मिशन पूरा हुआ है।
चंद्रयान-3 की सफल लैंडिंग के साथ ही देश चरों तरफ खुशी का माहौल है।
इतिहास के पन्नों में नाम दर्ज किया
चंद्रयान-3 के चांद के पास पहुंचने के साथ ही भारत का नाम भी इतिहास के पन्नों में कैद हो गया है।
इंडियन स्पेस रिसर्च ऑर्गेनाइजेशन (ISRO) का सपना भी इसी के साथ पूरा हो गया है। 14 जुलाई को चंद्रयान-3 के लॉन्च होने के बाद से ही ये यात्रा जारी थी।
पूरी दुनिया को इस दिन का बेसब्री से इंतजार था। जो आज पूरा हो गया है।
अंतरिक्ष एजेंसी के अनुसार, चंद्रयान-3 का लैंडर 23 अगस्त को शाम करीब 6 बजकर 4 मिनट पर चंद्रमा की सतह पर उतरा। बता दें कि इस लैंडर में एक रोवर है।
चंद्रयान-3 अहम क्यों?
चंद्रयान- 3 का अभियान न केवल भारत के लिए बल्कि पूरी दुनिया के वैज्ञानिक समुदाय के लिए अहम है।
क्योंकि लैंडर चांद की उस सतह पर जाएगा, जिसके बारे में अब तक कोई जानकारी मौजूद नहीं है।
इस अभियान से हमारी धरती के एकमात्र प्राकृतिक उपग्रह चांद के विषय में जानकारी और बढ़ेगी। इससे न केवल चांद के बारे में, बल्कि अन्य ग्रहों के विषय में भी भविष्य के अंतरिक्ष अनुसंधान की क्षमता विकसित होगी।
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