Chandra Grahan 2023 Sutak, Sparsh, Moksha Kaal: शनिवार को शरद पूर्णिमा तो है ही इसी के साथ चंद्र ग्रहण भी हैं। ज्योतिषाचार्य के अनुसार शाम 4 बजे से चंद्र ग्रहण का सूतक काल शुरू हो जाएगा। लेकिन ऐसे में शरद पूर्णिमा का व्रत कैसे होगा। इसके लिए चलिए जानते हैं कि शरद पूर्णिमा की व्रत की सही विधि क्या होगी। साथ ही इस दौरान गर्भवती महिलाएं कैसे व्रत कर पाएंगी।
चंद्र ग्रहण पर कैसे करें शरद पूर्णिमा का व्रत
ज्योतिषाचार्य पंडित रामगोविंद शास्त्री के अनुसार शनिवार को चंद्र ग्रहण है। इसी के साथ इस दिन शरद पूर्णिमा भी है। महिलाएं शरद पूर्णिमा का व्रत रखेंगी। लेकिन शाम को 4 बजे से सूतक काल लग जाने के कारण इस व्रत को करने में थोड़ी सावधानी रखनी होगी। इसके लिए शाम को 4 बजे के पहले से ही आपको ये इस व्रत की फलाहारी करनी होगी। इस व्रत में खाया जाने वाला मावे के लड्डू के प्रसाद को सूतक काल के पहले ही ग्रहण कर लें।
चंद्र ग्रहण पर कैसे बनेगी खीर अमृत
ज्योतिषाचार्य के अनुसार इस दिन बनने वाली खीर को पहले ही बना कर रख लें। इसी के साथ इसमें सूतक काल के पहले ही तुलसी पत्र डाल कर रख लें। शाम को सूतक लगने पर पूजन नहीं किया जाएगा। लेकिन इस खीर को रात में तुलसी पत्र डालने के बाद ग्रहण का दोष नहीं माना जाएगा। इसके अलावा घर के पानी, दूध, शकर आटा में तुलसी पत्र जरूर डाल कर रखना होंगे।
इनके लिए रहेगी छूट
ग्रहण काल के दौरान गर्भवती महिलाओं, वृद्धजनों और बच्चों को ग्रहण के दौरान भोजन करने की छूट रहती है। हालांकि गर्भवती महिलाओं को चाकू या धारदार चीज से काटना या छूना वर्जित होता है।
Chandra Grahan 2023: 37 साल बाद शरद पूर्णिमा-चंद्र ग्रहण का खास संयोग, ये राशियां होगीं मालामाल
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