Chanakya Niti Rahashya: आचार्य चाणक्य के इतने साल गुजर जाने के बाद भी उनका अनोखा ज्ञान आज भी लोगों में मशहूर है इसके साथ ही जो उनते ज्ञान का पूरी तरह पालन कर लेता है कहीं न कहीं सफल हो जाती है।इन्होंने चाणक्य नीति में कुछ ऐसे लोगों के बारे में बात की है, जिनसे कभी भी विवाद नहीं करना चाहिए। वरना आपका समय तो बर्बाद होगा ही बल्कि, कई बार आपके महत्वपूर्ण रिश्ते खराब हो जाते हैं।यह बात आचार्य चाणक्य एक श्लोक में बता रहे हैं और
यह श्लोक है- मतिमत्सु मूर्ख मित्र गुरुवल्लभेषु विवादो न कर्तव्य।
चाणक्य इस बात के बारे में कहते हुए कहते हैं,इनसे विवाद करके आप वक्त,ताकत,धन इत्यादि बर्बाद कर सकते हैं और सबसे जरूरी है आपका समय इसकी बर्बादी तो बिल्कुल भी नहीं करनी चाहिए। आइये अब विस्तार से उन चार लोगों के बारे में जानते हैं जिनसे आचार्य चाणक्य ने विवाद करने के लिए मना किया है।
पहला
चाणक्य के मुताबिक कभी बी मूर्ख व्यक्ति से वाद-विवाद नहीं करना चाहिए क्योंकि,मूर्ख से आप कितनी बहस कर लें उसे कोई फर्क नहीं पड़ता है।ये भैंस के सामने बीन बजाने जैसा है। आप मूर्ख से बहस करके अपने समय और ताकत दोनों को बर्बाद करते हैं। इसके बाद भी आपको पछताना ही पड़ता है।
दूसरा
चाणक्य नीति कहती है कि आपके घरवाले और खास रिश्तेदार, ये जीवन में आपके लिए बहुत कुछ करते हैं। इसलिए इनसे विवाद न करें। ऐसे में आपके रिश्ते खराब हो जाते हैं। ऐसी स्थिति में आपके पास पछताने के सिवा कोई और रास्ता ही नहीं बचता।
तीसरा
आपके जीवन में गुरु का खास योगदान होता है। गुरु ही आपको अंधकार से निकालता है और प्रकाश की राह दिखाता है। ऐसे गुरु के साथ किसी तरह का विवाद न करने में ही भलाई है। अगर आप उनसे विवाद करेंगे तो उनके सम्मान को चोट पहुंचाएंगे। जब आपका क्रोध शांत होगा, तो पछतावे के अलावा आपके पास कुछ नहीं होगा।
चौथा
सच्चे दोस्त आपके सुख दुख के साथी होते हैं। साथ ही इनके पास आपके कई ऐसे राज होते हैं, जो बाहर चले जाएं, तो आपके लिए मुश्किल पैदा होती है। ऐसे दोस्तों के साथ विवाद करने से आपकी दोस्ती तो खराब होती ही है, साथ ही आपके राज भी खुल सकते हैं। इसलिए इनसे विवाद न करें।
उम्मीद है आपको जानकारी पसंद आई होगी कृपा करके शेयर करें