Chanakya Niti: आचार्य चाणक्य ने अपनी नीतिशास्त्र में बताया है कि मनुष्य को सुखी जीवन के लिए हमेशाअच्छे कार्य करना चाहिए। जो लोग सच्चाई और अच्छाई का मार्ग छोड़ कर कल-छपट, दिखावा को अपना लेते हैं तो ऐसे लोग न तो जीवन में खुश रह पाते हैं न ही जीवन में उन्हें सफलता मिलती है।
उन्हें हमेशा कोई न कोई भय और परेशानी घेरे रहती है। चाणक्य ने अपनी नीति में बताया कि, जीवन में शांति और खुशी लाने के लिए मनुष्य को इन 4 कार्य से दूर रहना चाहिए-
क्रोध न करें
चाणक्य कहते हैं क्रोध मनुष्य का सबसे बड़ा शत्रु होता है। क्रोध मनुष्य को धीरे-धीरे खा जाता है। क्रोध करने वाले वाला व्यक्ति कभी सम्मान प्राप्त नहीं करता है। जो व्यक्ति ज्यादा क्रोध करता है वह क समय एक समय के बाद अकेला हो जाता है।
दिखावा कभी न करें
आचार्य चाणक्य कहते हैं जो व्यक्ति दिखावा करता है उसके जीवन में कभी शांति नहीं रहती हैं। ऐसे लोग हमेशा दूसरों से प्रतिस्पर्धा में व्यस्त रहते हैं जिसका न तो कोई अंत होता है और न ही को महत्व।
जो बाद में उसके लिए परेशानी का कारण बनती है। इसलिए जितना हो सके दिखावा से बचना चाहिए।
आलस न करें
आचार्य चाणक्य ने अपनी नीति में आलस से दूर रहने का संदेश दिया है। क्योंकि आलस व्यक्ति की प्रतिभा को नष्ट कर देता है। आलसी व्यक्ति को मालूम भी नहीं चलता और वह अपने लक्ष्य से दूर होता चला जाता है।
इसलिए आलस को कभी पास न आने दें, इससे दूर रहने में ही सबकी भलाई है।
अहंकार न करें
चाणक्य के अनुसार मनुष्य को को अहंकार से बचना चाहिए। अहंकार व्यक्ति का सबकुछ छीन लेता है,लक्ष्य, रुपया-पैसा, रिश्ता आदि। इतना ही नहीं अहंकार व्यक्ति को सच्चाई से दूर कर देता है। अहंकारी व्यक्ति खुद को सबसे श्रेष्ठ समझने की भूल कर बैठते हैं।
जिस कारण लोग उनका साथ छोड़ने लगते हैं और आगे चलकर इन्हें परेशानी उठानी पड़ती है।
ये भी पढ़ें:
Mitchell Starc: मिचेल स्टार्क फिर से IPL में आएंगे नजर, 9 साल बाद करेंगे वापसी
WBJEEB ANM-GNM Result 2023: एएनएम जीएनएम प्रवेश परीक्षा का रीजल्ट जारी, इस लिंक से करें चेक
Mitchell Starc: मिचेल स्टार्क फिर से IPL में आएंगे नजर, 9 साल बाद करेंगे वापसी
Chanakya Niti, Chanakya Thought, Acharya Chanakya Quote, चाणक्य नीति