Chanakya Niti: युवा पीढ़ी देश के भविष्य होते हैं. चाणक्य कहते हैं कि किसी भी देश की प्रगति और दुर्गति में उस देश के युवाओं की अहम भूमिका होती है अगर युवा सही राह पर नहीं होंगे तो खुद का भविष्य तो बर्बाद होगा ही, साथ ही राष्ट्र के का भी नुक्सान होगा.
इनकी दिशा देश की दशा तय करती है. चाणक्य कहते हैं कि युवावस्था में कई चीजें हैं जो उसे भटकाने का काम करती हैं. समय रहते इन चीजों से दूरी नहीं बनाई तो जवानी के साथ बुढ़ापा भी दुख और तकलीफ में बीतेगा.
तो आइये जानते हैं चाणक्य किन गलत बातों से दुरी बनाने की बात कहते हैं:
गलत संगत में पड़ना
चाणक्य कहते हैं संगत का असर हर इंसान पर होता है, फिर चाहे वो अच्छी संगति हो या बुरी संगती. यदि व्यक्ति एक बार गलत संगति में पद जाएं तो फिर उससे निकलना काफी मुश्किल हो जाता है.
बुरे कर्म करने वाले लोगों की संगत गलत काम करने के लिए प्रभावित करती है. गलत संगत व्यक्ति की लक्ष्य प्राप्ति में बाधा लता है, व्यक्ति सोचने-समझने की शक्ति खो बैठता है और सफलता उससे दूरचली जाती है.
चाणक्य कहते हैं जो व्यक्ति समय रहते सभाल जाए और जो व्यक्ति इन सब चीज़ों दे दूर रहता है तो उसका बुढ़ापा भी खुशी-खुशी गुजरता है.
आलस्य करना
चाणक्य के अनुसार जवानी में अगर परिश्रम कर लिया तो बुढ़ापा संवर जाएगा. यही वो उम्र होती है जहां आलस्य रूपी दुश्मन व्यक्ति को तरक्की करने से रोकता है.
अगर व्यक्ति ने काबू पा लिया तो उसे सफल होने से कोई नहीं रोक सकता. जवानी में जो समय का मूल्य समझ लेता है उसका भविष्य कभी दुख में नहीं कटता. आलसी व्यक्ति को विद्या नहीं मिल पाती है
और विद्या के बिना धन नहीं मिलता. धन के बिना जीवन संघर्ष में ही गुजरता है.
गुस्सा होना
चाणक्य का कहना है क्रोध से काम बनते नहीं बल्कि बिगड़ते हैं. क्रोध आना आम बात है लेकिन क्रोध में लिया गया निर्णय हमेशा दुःख देता है.
लेकिन जिसने इस पर काबू पा लिया उसके लिए उन्नति की राह सुलभ हो जाती है. गुस्सा बुद्धि भ्रष्ट कर देती है. यह ऐसा जहर है जो धीरे-धीरे व्यक्ति को खोखला कर देता है.
अगर यह साथ है तो अपने क्या, पराए भी दूरी बना लेते हैं और दुश्मन इसका फायदा उठाकर आपकी पूरी मेहनत पर पानी फेर देता है.
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