Chanakya Neeti: चाणक्य जिन्हें कौटिल्य या विष्णुगुप्त भी कहा जाता है। वे एक हिंदू राजनेता और दार्शनिक थे जिन्होंने, राजनीति पर एक उत्कृष्ट ग्रंथ, अर्थ-शास्त्र लिखा। अर्थ-शास्त्र एक ऐसा ग्रंथ है जो कि उनके संपत्ति, अर्थशास्त्र या भौतिक सफलता के संबंध में लिखी गई लगभग हर चीज की एक किताब है।
चाणक्य को वेद-पुराणों का पूरा ज्ञान था जिनसे उन्होंने कई नीतियाँ दी हैं। जिनको अपनाने से व्यक्ति एक सकारात्मक और सशक्त मानसिकता प्राप्त कर सकता है। इन नीतियों से वे जीवन की चुनौतियों का सामना करने और ज्ञान के साथ अपने लक्ष्यों को प्राप्त करने में सक्षम हो सकते हैं।
चाणक्य ने उनकी नीति में ऐसी 4 बातें बताईं हैं जो समझाती हैं कि अगर हम उन 4 चीजों के आस-पास रहेंगे तो हमेशा परेशानियों से घिरे रहेंगे। चाणक्य ने एक श्लोक के जरिए हमें ये बात समझाने कि कोशिश की है।
मूर्खशिष्योपदेशेन दुष्टास्त्रीभरणेन च।
दुःखितैः सम्प्रयोगेण पण्डितोऽप्यवसीदति॥
आईए इस श्लोक को समझते हैं और उनकी इस नीति को अपनी ज़िंदगी में अमल करने की कोशिश करते हैं।
1. मूर्ख शिष्य को उपदेश
इस श्लोक का पहला शब्द हमें समझता है कि हमें ऐसे शिष्य को या ऐसे व्यक्ति को उपदेश नहीं देना चाहिए जो कि सुनता न हो। उस इंसान को कितना ही समझाओ, लेकिन वो करता वही हो जो उसका मन करे।
आपकी बात सुन कर उसे अमल न करे ओर एक कान से सुन कर दूसरे कान से निकाल दे, तो ऐसे इंसान को समझाने में अपना समय व्यर्थ नहीं करना चाहिए। अगर आप उस व्यक्ति के साथ रहोगे तो हमेशा परेशानियों से घिरे रहोगे।
2. दुष्ट स्त्री का साथ
श्लोक के दूसरे शब्द का मतलब है कि हमें ऐसी स्त्री जो दुष्ट है, जो कि आपकी किसी बात को नहीं सुनती है। हर बात में मनमानी करने कि कोशिश करती है। घर-परिवार को साथ लेकर नहीं चलती है।
आपके काम, घर, माता-पिता या आपके बारे में बिल्कुल नहीं सोचती हो, तो ऐसी स्त्री से दूर रहें। ऐसी स्त्री के साथ रहने से आप हमेशा चिंतित रहेंगे और आप कभी आपकी ज़िंदगी में आगे नहीं बढ़ पाएंगे।
3. धन खोने का डर
अगर आप हमेशा अपने धन को खोने से डरते हैं। छोटी-छोटी चीजों के लिए पैसे खर्च करने में हिच-खिचाते हैं। तो ये बहुत गलत चीज है। अगर आप ऐसा करेंगे तो आप आपके धन का सही इस्तेमाल नहीं कर पाएंगे और हमेशा चिंतित रहेंगे।
इसलिए हमेशा जहां धन खर्चने कि जरूरत हो वहाँ अवश्य खर्चें। लेकिन, फालतू खर्च से भी बचें।
4. नकारात्मक व्यक्ति का साथ
चाणक्य कहते हैं कि हमें ऐसे लोगों से दूर रहना चाहिए जो हमेशा दुखी रहते हैं और हमेशा नकारात्मक बातें करते हैं। जो कि सदैव हर चीज को लेकर चिंतित रहते हैं और दुखी रहते हैं। क्योंकि उनका ऐसा आचरण आपके ऊपर भी हावी होने लगता है और आपकी मानसिक स्तिथि पर भी प्रभाव पढ़ता है।
इसलिए आपको भी ऐसे लोगों से दूरी बनाए रखना चाहिए।
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