नई दिल्ली। आज चैत्र नवरात्रि का छठा Chaitra Navratri Day 6 2022 : दिन हैं। इस दिन मां के छठे रूप यानि मां कात्यायन की पूजा की जाती है। इनका जन्म कात्यायन Chaitra Navratri Day 6 2022 ऋषि के घर पर होेने के कारण इनका नाम मां कात्यायनी पड़ा। ऐसी मान्यता है कि मां कात्यायनी की पूजा से शादी में आ रही बाधाएं समस्त प्रकार की बाधाएं दूर होती हैं। सच्चे मन से यदि मां कात्यायनी की पूजा करते हैं तो मनचाहा जीवन साथी मिलता है। आपको बता दें मां के इस छटे रूप की पूजा इस बार 7 अप्रैल यानि कल होगी। आइए जानते हैं मां कात्यायनी की पूजा विधि, मंत्र और शीघ्र विवाह के उपाय।
मां कात्यायनी की पूजा विधि —
नवरात्रि के छठवें दिन मां कात्यायनी की पूजा होती है। इनकी पूजा में पीले वस्त्र धारण करना चाहिए। साथ ही पूजा में भी पीले फूल और पीले भोग का उपयोग के लिए किया जाता है। पूजन के बाद मां की आरती करके समाप्ति करें।
शीघ्र विवाह के लिए ये व्रत है खास —
शादी में आ रही बाधाओं और अन्य प्रकार की समस्याओं के लिए मां के उपाय जरूर करें। इसमें पीले वस्त्र पहनकर माता कात्यायनी के सामने दीया जलाएं। पीले फूल जरूर अर्पित करें। साथ ही मां को पीली हल्दी की 3 गांठें चढ़ाकर इनके मंत्रों का जाप करें। इसके बाद इन गांठों को अपने पास सुरक्षित रख लें।
मां कात्यायनी मंत्र
कात्यायनी महामाये, महायोगिन्यधीश्वरी
नन्दगोपसुतं देवी, पति मे कुरु ते नमः
या देवी सर्वभूतेषु शक्ति रूपेण संस्थिता
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम:
चन्द्रहासोज्ज्वलकरा शार्दूलवरवाहना
कात्यायनी शुभं दद्याद् देवी दानवघातिनी
कात्यायनी माता की आरती (Katyayani Mata Ki Aarti)
जय जय अंबे, जय कात्यायनी
जय जगमाता, जग की महारानी
बैजनाथ स्थान तुम्हारा
वहां वरदाती नाम पुकारा
कई नाम हैं, कई धाम हैं
यह स्थान भी तो सुखधाम है
हर मंदिर में जोत तुम्हारी
कहीं योगेश्वरी महिमा न्यारी
हर जगह उत्सव होते रहते
हर मंदिर में भक्त हैं कहते
कात्यायनी रक्षक काया की
ग्रंथि काटे मोह माया की
झूठे मोह से छुड़ाने वाली
अपना नाम जपाने वाली