Chaitra Navratri 30 March 2025 Panchak me Navratri: इस साल चैत्र नवरात्रि 2025 की शुरुआत पंचकों में होने जा रही है। 30 मार्च की शाम को पंचक (March Panchank 2025) उतरेंगे लेकिन उसके पहले ही नवरात्रि शुरू हो जाएंगी। ज्योतिष पंचकों में नवरात्रि (Panchak me Navratri Shubh ya Ashubh) शुरू होना बेहद शुभ माना जाता है।
ऐसे में चलिए जानते हैं ज्योतिषाचार्य पंडित रामगोविंद शास्त्री से कि इस बार नवरात्रि (March Navratri 2025) पर कलश स्थापना मुहूर्त (Kalash Ghat Sthapana Muhurat) क्या है, मां दुर्गा के गज पर सवार होने का क्या मतलब होता है, इस बार चैत्र नवरात्रि नौ नहीं बल्कि आठ दिन की क्यों हैं।
गज पर मां दुर्गा की सवारी का क्या मतलब होता है
हिन्दू धर्म में मां दुर्गा की सवारी के अलग अलग अर्थ होते हैं। चूंकि मां लक्ष्मी की सवारी गज यानी हाथी है। इस बार मां दुर्गा गज यानी हाथी पर ही सवार होकर आ रही हैं।
ऐसे में जब मां दुर्गा की सवारी गज होता है तो इस वर्ष विभिन्न जातकों पर मां लक्ष्मी की कृपा अधिक होती है। देश की आर्थिक स्थिति भी मजबूत होती है।
चैत्र नवरात्रि की तिथियां (Chaitra Navratri Tithi Date)
30 मार्च: प्रतिपदा तिथि
31 मार्च: द्वितीया तिथि
1 अप्रैल: तृतीया तिथि
2 अप्रैल: चतुर्थी और पंचमी तिथि एक साथ
3 अप्रैल: छठ तिथि
4 अप्रैल: सप्तमी तिथि
5 अप्रैल: अष्टमी तिथि, महाष्टमी, दुर्गा अष्टमी तिथि
6 अप्रैल: जवारे विसर्जन, महानवमीं तिथि
कब तक रहेगी चतुर्थी तिथि (Chaturthi Panchami Tithi Muhura)
हिन्दू पंचांग के अनुसार 2 अप्रैल को सुबह 8:55 मिनट तक चतुर्थी तिथि रहेगी इसके बाद पंचमी तिथि लग जाएगी। जो अगले दिन यानी 3 अप्रैल को सूर्योदय के पहले ही 4:32 पर समाप्त हो जाएगी। इस आधार पर बार चतुर्थी और पंचमी दोनों तिथियां एक ही दिन रहेगीं।
कलश स्थापना का सबसे शुभ मुहूर्त (Ghat Sthapana Muhurat)
हिन्दू पंचांग के अनुसार घरों में कलश और घट स्थापना का शुभ मुहूर्त दोपहर में अभिजीत मुहूर्त में किया जा सकता है।
सुबह वृष स्थिर लग्न में 6:23 से 8:19 तक रहेगा।