Advertisment

छत्तीसगढ़ पीएससी घोटाले का खुला राज: पूर्व चेयरमैन ने पेपर लीक कर अपने भतीजों को दिए, CBI ने चार्जशीट में क्या बताया?

CGPSC Scam: छत्तीसगढ़ पीएससी घोटाले का खुला राज! पूर्व चेयरमैन ने पेपर लीक कर अपने भतीजों को दिए, CBI ने चार्जशीट में क्या बताया?

author-image
Harsh Verma
CGPSC Scam

CGPSC Scam: प्रदेश में छत्तीसगढ़ लोकसेवा आयोग (CGPSC) के प्रश्नपत्र लीक मामले में CBI ने चार्जशीट पेश की है, जिसमें कई चौंकाने वाले खुलासे किए गए हैं।

Advertisment

इस चार्जशीट में CGPSC ऑफिस में कार्यरत सात कर्मचारियों सहित लगभग 41 गवाहों के बयान दर्ज किए गए हैं। हालांकि, पांच ऐसे व्यक्तियों के बयान नहीं लिए जा सके, जो इस मामले की जांच में शामिल थे या फिर जिनका संबंध इस गड़बड़ी से था।

CBI action in Raipur case registered against senior auditor officer

यह भी पढ़ें: छत्तीसगढ़ में इन जिलों के डिप्टी कलेक्टर बदले गए: SAS के कई अधिकारियों का हुआ था तबादला, अब सूची में किया गया संशोधन

प्रश्नपत्र तैयार करने के लिए मे. एकेडी प्रिंटर्स के साथ मीटिंग

[caption id="attachment_739735" align="alignnone" width="478"] Scam CGPSC पूर्व चेयरमैन टामन सिंह और परीक्षा नियंत्रक आरती वासनिक[/caption]

Advertisment

चार्जशीट के मुताबिक, जुलाई 2020 में प्रश्नपत्र तैयार करने के लिए CGPSC पूर्व चेयरमैन टामन सिंह और परीक्षा नियंत्रक आरती वासनिक ने मे. एकेडी प्रिंटर्स के अरुण कुमार द्विवेदी के साथ रायपुर में बैठक की। इसके बाद, दोनों के बीच 17 अगस्त 2020 को एक अनुबंध हुआ, जिसमें दो प्रश्नपत्र सेट करने की सहमति बनी।

इस अनुबंध के तहत, मे. एकेडी प्रिंटर्स ने 2020 से 2022 के बीच सामान्य अध्ययन पेपर-1 और एप्टीट्यूड टेस्ट पेपर-2 के लिए 50-50 प्रश्न तैयार किए। ये प्रश्न जनवरी 2022 में रायपुर भेजे गए, ताकि परीक्षा के लिए अंतिम रूप दिए जा सकें।

सीबीआई की चार्जशीट में यह भी खुलासा हुआ

सीबीआई की चार्जशीट में यह भी खुलासा हुआ कि CGPSC 2021 के प्रश्नपत्र लीक होने में तत्कालीन अध्यक्ष टामन सिंह सोनवानी का हाथ था।

Advertisment

CGPSC की राज्य सेवा प्रारंभिक परीक्षा आज, प्रदेश के लाखों छात्र होंगे शामिल

इस साजिश में उनकी सहयोगी परीक्षा नियंत्रक आरती वासनिक और उप परीक्षा नियंत्रक ललित गणवीर भी शामिल थे। जांच में यह सामने आया कि सोनवानी ने इन प्रश्नपत्रों को अपने भतीजे नितेश और साहिल को दिए, जो बाद में डिप्टी कलेक्टर और डीएसपी बने।

बचाव पक्ष के वकील का क्या कहना है?

इस मामले में बचाव पक्ष के वकील का कहना है कि सीबीआई की चार्जशीट दिशाहीन है और उसमें कोई स्पष्टता नहीं है। उनका कहना था कि चार्जशीट सिर्फ आरोप लगाने के लिए बनाई गई है, और यह एक मामले का तूल देने का प्रयास है, जबकि चयन प्रक्रिया पहले ही पूरी हो चुकी थी।

यह भी पढ़ें: छत्तीसगढ़ में IAS अधिकारियों के तबादले: बलरामपुर CEO को उद्योग विभाग में नियुक्ति, वासु जैन को सीईओ सक्ती की जिम्मेदारी

Advertisment
Advertisment
WhatsApp Icon चैनल से जुड़ें