हाइलाइट्स
10 साल से अधिक समय का देना होगा एरियर्स
1 लाख के करीब शिक्षको को मिलेगा लाभ
सोना साहू केस से खुला सभी शिक्षकों का रास्ता
CG Teachers Salary Arrears: सुप्रीम कोर्ट के एक फैसले ने छत्तीसगढ़ सरकार की टेंशन बढ़ा दी है। दरअसल सुप्रीम कोर्ट ने छत्तीसगढ़ सरकार की स्पेशल लीव पिटिशन (एसएलपी) खारिज कर दी। इसके बाद राज्य सरकार को एक लाख से अधिक शिक्षकों (CG Teachers Salary Arrears) को 10 साल से अधिक समय का क्रमोन्नत वेतनमान का एरियर्स देना होगा। अनुमान के मुताबिक, यह राशि लगभग 7,000 करोड़ रुपये हो सकती है। यह फैसला उस मामले में आया है, जहां सरकार ने क्रमोन्नत वेतनमान के आदेश को रद्द कर दिया था।
मालूम हो कि 17 मार्च को सुप्रीम कोर्ट ने छत्तीसगढ़ सरकार की एसएलपी खारिज कर दी। इसके बाद सरकार को एक लाख से अधिक शिक्षकों को क्रमोन्नत वेतनमान का एरियर्स देना होगा। यह राशि लगभग 7,000 करोड़ रुपये तक पहुँच सकती है। यह फैसला सोना साहू नामक एक शिक्षिका की याचिका पर आया है, जिसने क्रमोन्नति वेतनमान के लिए कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था।
याचिका दायर करने वाली कौन हैं सोना साहू?
सोना साहू ने 2005 में सहायक शिक्षक (CG Teachers Salary Arrears) के पद पर नियुक्ति पाई थी। एक ही पद पर 10 साल से अधिक समय तक काम करने के बाद भी उन्हें क्रमोन्नत वेतनमान नहीं दिया गया था। इसके बाद उन्होंने हाई कोर्ट में याचिका दायर की। हाई कोर्ट ने उनके पक्ष में फैसला सुनाया, जिसके बाद सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में एसएलपी दायर की। अब सुप्रीम कोर्ट ने सरकार की एसएलपी खारिज कर दी है।
इस तरह से मिलता है क्रमोन्नत वेतनमान का लाभ
क्रमोन्नत वेतनमान एक ऐसी व्यवस्था है, जिसके तहत यदि कोई शिक्षक (CG Teachers Salary Arrears) एक ही पद पर 10 साल या उससे अधिक समय तक कार्यरत रहता है, तो उसे वेतन में एक ग्रेड की वृद्धि मिलती है। यदि कोई शिक्षक 20 साल तक एक ही पद पर रहता है, तो उसे दो ग्रेड की वृद्धि मिलती है।
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कितने शिक्षकों को मिलेगा क्रमोन्नत का लाभ?

प्रदेश में लगभग 1,48,000 शिक्षक हैं, जिनमें से 1,30,000 से अधिक शिक्षक 2014 तक भर्ती हो चुके हैं। इनमें से अधिकांश शिक्षक क्रमोन्नत वेतनमान (CG Teachers Salary Arrears) के हकदार हैं। कुछ शिक्षक ऐसे भी हैं, जिन्हें दो क्रमोन्नत वेतनमान मिलने की पात्रता है। इसके चलते सरकार को लगभग 7 हजार करोड़ रुपए एरियर्स इन शिक्षकों को देना होगा। यह सरकार पर अतिरिक्त भार है। इससे अब सरकार टेंशन में है, यह रकम जुटाने में सरकार को काफी मशक्कत करना पड़ेगी।
क्या है आगे की रणनीति?
सरकार के पास अब दो विकल्प हैं-
सभी शिक्षकों को क्रमोन्नत वेतनमान का लाभ देना।
केवल उन शिक्षकों को लाभ देना, जिनके पक्ष में कोर्ट का फैसला आया है।
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