CG Teacher Strike: छत्तीसगढ़ सरकार ने युक्तियुक्तकरण के विरोध में शिक्षक संगठनों द्वारा किए जा रहे प्रदर्शन के मद्देनजर तुरंत चर्चा के लिए सभी संबंधित पक्षों को बुलाया है। बुधवार को दोपहर 3 बजे होने वाली इस बैठक में स्कूल शिक्षा सचिव और डीपीआई के अधिकारी शिक्षक संगठनों के साथ चर्चा करेंगे और समस्या का समाधान निकालने का प्रयास करेंगे।
कर्मचारी अधिकारी फेडरेशन ने सौंपा ज्ञापन
मंगलवार को कर्मचारी अधिकारी फेडरेशन ने मुख्य सचिव और शिक्षा सचिव को ज्ञापन सौंपा, जिसमें युक्तियुक्तकरण के विरोध में 16 सितंबर को धरना और रैली के आयोजन की जानकारी दी गई थी। इसके तुरंत बाद सरकार ने शिक्षक संगठनों को चर्चा के लिए बुलाया और उन्हें आश्वासन दिया कि उनकी मांगों पर विचार किया जाएगा।
युक्तियुक्तकरण के फैसले का विरोध कर रहे शिक्षक संगठन
शिक्षक संगठन युक्तियुक्तकरण के फैसले का विरोध कर रहे हैं, जिसमें प्राथमिक और माध्यमिक शालाओं को एक साथ मर्ज किया जाना है। उनकी मांग है कि 2008 के सेटअप के अनुसार शिक्षकों की संख्या को बिना किसी बदलाव के बनाए रखा जाए, ताकि शिक्षा की गुणवत्ता में कोई कमी न हो। उन्हें डर है कि शिक्षकों की संख्या में कटौती से शिक्षा की गुणवत्ता प्रभावित हो सकती है।
अनिश्चितकालीन आंदोलन की चेतावनी
अगर सरकार शिक्षक संगठनों की मांगों को पूरा नहीं करती है, तो शिक्षक संगठन 16 सितंबर को आयोजित धरना और रैली के बाद अनिश्चितकालीन आंदोलन की शुरुआत कर सकते हैं। शिक्षक संगठनों ने सरकार को ज्ञापन सौंपा, जिसके तुरंत बाद सरकार ने इस मामले को गंभीरता से लेते हुए बैठक का समय तय किया और शिक्षक संगठनों को चर्चा के लिए बुलाया।
शिक्षकों की संख्या में कोई कटौती न की जाए: दुबे
छत्तीसगढ़ शिक्षक संघर्ष मोर्चा के प्रदेश संचालक वीरेंद्र दुबे ने बताया कि युक्तियुक्तकरण के खिलाफ प्रदेश के विभिन्न जिलों के कलेक्टर के माध्यम से मुख्यमंत्री, शिक्षा सचिव व संचालक महोदय को ज्ञापन सौंपा गया है।
उन्होंने चेतावनी दी कि अगर मांगों को पूरा नहीं किया गया, तो 9 सितंबर को प्रदेश के सभी स्कूलों में तालाबंदी की जाएगी। इस आंदोलन को छत्तीसगढ़ अधिकारी कर्मचारी संयुक्त मोर्चा का भी समर्थन मिला है। शिक्षक संगठनों की मांग है कि युक्तियुक्तकरण के फैसले को वापस लिया जाए और शिक्षकों की संख्या में कोई कटौती न की जाए।
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क्या होता है युक्तियुक्तकरण?
युक्तियुक्तकरण एक शैक्षिक प्रबंधन प्रक्रिया है जिसमें विद्यालयों के संगठनात्मक ढांचे में बदलाव किया जाता है, ताकि शैक्षिक प्रक्रिया को अधिक कुशल और प्रभावी बनाया जा सके। इसके तहत विद्यालयों के आकार, संरचना और प्रबंधन में बदलाव किया जा सकता है, जैसे कि छोटे विद्यालयों को बड़े विद्यालयों में मर्ज करना या विद्यालयों के बीच संसाधनों का समायोजन करना।
यह प्रक्रिया अक्सर शैक्षिक गुणवत्ता में सुधार, संसाधनों का बेहतर उपयोग, और शिक्षकों की क्षमता निर्माण पर केंद्रित होती है। हालांकि, युक्तियुक्तकरण के फैसले अक्सर विवादित होते हैं, क्योंकि वे शिक्षकों की नौकरियों, विद्यार्थियों की पढ़ाई, और स्थानीय समुदायों पर प्रभाव डाल सकते हैं।
छत्तीसगढ़ के शिक्षक संगठन युक्तियुक्तकरण के खिलाफ आंदोलन कर रहे हैं, क्योंकि उन्हें लगता है कि यह फैसला शिक्षकों की संख्या में कटौती करेगा और शैक्षिक गुणवत्ता को प्रभावित करेगा।