CG Smart City Project Scam: छत्तीसगढ़ बिलासपुर नगर निगम में स्मार्ट सिटी फंड का बड़ा घोटाला उजागर हुआ है। स्मार्ट सिटी फंड की 77 लाख रुपए की एफडीआर में गड़बड़ी उजागर हुई है। कांग्रेस नेता-ठेकेदार ने निगम अफसर और कर्मचारियों से मिलीभगत की। इसी के साथ ही बिना काम किए ही एफडीआर की राशि निकालकर डकार गए।
इस मामले के उजागर होने के बाद भी संबंधित ठेकेदार (CG Smart City Project Scam) पर कोई कानूनी कार्रवाई नहीं हुई। ठेकेदार पर 16 लाख का जुर्माना लगाया और इस मामले को रफादफा कर दिया गया। अब इस मामले के उजागर होने के बाद राजनीतिक गलियारों में सियासत गरमा गई है।
कम रेट पर किए थे टेंडर जमा
बिलासपुर में स्मार्ट सिटी मद से नगर निगम सीमा (CG Smart City Project Scam) क्षेत्र में करोड़ों की लागत से नाली निर्माण का काम किया जाना है। इसी के लिए नाली निर्माण का टेंडर निकाला गया। इस पर कांग्रेसी ठेकेदार कमल ठाकुर ने कम रेट पर टेंडर जमा किया। जानकारी मिल रही है कि ठैकेदार ने नाली बनाने का काम पूरा नहीं किया।
जबकि नगर के अधिकारियों से मिलकर टेंडर वापस ले लिया, इसके बाद काम छोड़ दिया। नियम के अनुसार काम नहीं करने पर FDR की राशि का भुगतान नहीं होता है। ऐसे में ठेकेदार कमल ठाकुर ने निगम के कर्मचारियों से मिलकर ओरिजनल FDR हासिल की और फोटो कॉपी को जमा कर दिया था।
पुराने टेंडर को रिटेंडर करने की बात पर हुआ खुलासा
जानकारी मिल रही है कि टेंडर (CG Smart City Project Scam) में गड़बड़ी का यह मामला दस्तावेजों में रफादफा नहीं हो पाया था। इसका टेंडर भी कैंसिल नहीं किया गया था, क्योंकि ठेकेदार ने मौखिक रूप से कहकर टेंडर वापस लिया था। निगम आयुक्त अमित कुमार ने कांग्रेसी नेता ठेकेदार कमल सिंह को अन्य काम की जिम्मेदारी दी।
इस दौरान पुराने टेंडर को रिटेंडर करने का जिक्र हुआ। इस दौरान दस्तावेजों कजी जांच हुई। जांच में पता चला कि ठेकेदार ने एफडीआर का ओरिजनल रिकॉर्ड निकालाया है। इसके साथ ही राशि बैंक से निकाल ली। इस मामले में गड़बड़ी उजागर होने पर विभाग में हड़कंप मच गया।
ठेकेदार पर लगाई 16 लाख की पेनल्टी
इस गड़बड़ी के मामले के उजागर होने के बाद निगम के अधिकारियों (CG Smart City Project Scam) को रफादफा करने की कोशिश की। इसके बाद दोषी ठेकेदार पर एक्शन लिया और 16 लाख रुपए पेनल्टी लगाई। इसके साथ ही मामले को रफादफा करने की कोशिश की गई। इस मामले के उजागर होने पर ठेकेदार से फिर से एफडीआर भी जमा कराई है।
बैंक ने भी की गड़बड़ी
जानकारी मिली है कि एफडीआर (CG Smart City Project Scam) की राशि में गड़बड़ी ठेकेदार ने नगर निगम के साथ धोखाधड़ी की। नियम की बात की जाए तो एफडीआर की राशि बैंक से ठेकेदार तभी निकाल सकते हैं, जब काम पूरा हो जाए। इसी के साथ ही नगर निगम एफडीआर के साथ एनओसी जारी करें। इधर बैंक अधिकारियों से मिलकर ठेकेदार ने गड़बड़ी की। एफडीआर के 77 लाख रुपए निकालकर डकार गए। ऐसे में मामले में बैंक अफसरों की भूमिका पर भी अब सवाल खड़े हो रहे हैं।
ठेकेदार पर लगाया है जुर्माना
नगर निगम आयुक्त अमित कुमार ने मीडिया (CG Smart City Project Scam) को जानकारी दी कि एफडीआर भुगतान की गड़बड़ी के इस मामले को लेकर कार्रवाई की गई है। ठेकेदार पर 16 लाख रुपए का पेनल्टी लगाई हे। बैंक के खिलाफ कानूनी कार्रवाई के लिए आरबीआई को पत्र जारी किया गया है।
ये खबर भी पढ़ें: CG Weather Update: CG के कई जिलों में हो सकती है हल्की बारिश, बिलासपुर में 20.2 डिग्री पहुंचा पारा
एफडीआर क्या है, क्यों यह राशि करते हैं जमा
टेंडर नियमों के अनुसार किसी भी काम के लिए जब भी किसी भी विभाग (CG Smart City Project Scam) के द्वारा टेंडर जारी किया जाता है। इससे पहले फिक्स्ड डिपॉजिट खाते में एक निश्चित राशि जमा कराई जाती है। यह राशि टेंडर के एवज में एकमुश्त जमा कराई जाती है।
इस राशि को इसलिए जमा कराया जाता है ताकि टेंडर की शर्तों को पूरा किया जा सके। इससे ज्यादा खास यह है कि संबंधित ठेकेदार जो भी काम ले, उसे पूरा करे, यदि वह अधूरा छोड़ता है तो एफडीआर की राशि राजसात कर ली जाती है और शासन को नुकसान नहीं होता है।
ये खबर भी पढ़ें: छत्तीसगढ़ निकाय चुनाव: 20 दिसंबर के बाद लग सकती है आचार संहिता, रायपुर निगम का नए सिरे से होगा आरक्षण